Short Poems In Hindi: आज हम आपके लिए इस आर्टिकल के माध्यम से छोटी-छोटी कविताएं लेकर आए हैं क्योंकि समय की कमी होने के कारण ज्यादा बड़ी कविताओं की ओर लोगों का रुझान नहीं होता है। कम समय और माइंड को फ्रेश करने के लिए लोग छोटी-छोटी मोटिवेशनल कविताएं पढ़ना पसंद करते हैं। हम आपके लिए ऐसे ही आपकी पसंदीदा कविताएं लेकर आते रहेंगे और आप हमारे साथ हमारे इस लेख में अंत तक अवश्य बने रहे हैं। Check here the latest Short Poems In Hindi:
1- मां
किस तरह वो मेरे गुनाहो को धो देती है
माँ बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है।
बुलंदियों का बड़े से बड़ा नीसान छुआ
उठाया गोद में माँ ने तब आसमान छुआ।
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकान आयी
मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में माँ आयी।
व्याख्या
कविता के माध्यम से इस कविता के माध्यम से लेकर द्वारा कहा जा रहा है कि मां किस तरह से हमारे गुनाहों को छुपाकर हमें आने वाले संकटों से बचा लेते हैं। जब वह गुस्से में होती हैं तो रो देती हैं। आसमान की कितनी भी ऊंचाइयों पर क्यों ना पहुंच जाए लेकिन जब वह हमें गोद मेंउठाती है तो आसमान मुट्ठी में नजर आता है। कवि कह रहा की घर के बंटवारे में क्या दुकान क्या घर असल जिंदगी में अमीर वो हैं जिसके हिस्से में मां का प्यार है।
2- आओ फिर से दिए जलाए ( लेखक-अटल बिहारी वाजपेई)
आओ फिर से दिया जलाएँ
भरी दुपहरी में अंधियारा
सूरज परछाई से हारा
अंतरतम का नेह निचोड़ें-
बुझी हुई बाती सुलगाएँ।
हम पड़ाव को समझे मंज़िल
लक्ष्य हुआ आंखों से ओझल
वतर्मान के मोहजाल में-
आने वाला कल न भुलाएँ।
आओ फिर से दिया जलाएँ।
आहुति बाकी यज्ञ अधूरा
अपनों के विघ्नों ने घेरा
अंतिम जय का वज़्र बनाने-
नव दधीचि हड्डियां गलाएँ।
आओ फिर से दिया जलाएँ
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से अटल बिहारी बाजपेई द्वारा कहा जा रहा है कि सबसे ज्यादा शक्तिशाली व्यक्ति अपनी युवा अवस्था में होता है। जवानी के इस दौर में उसके पास साहस, वीरता, हर्ष, उल्लास,जोश और समर्पण की संभावना कूट-कूट कर भरी होते हैं। कवि द्वारा कहा जा रहा है कि जीवन की कठिनाइयों का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। यदि अगर एक बार दीपक बुझ जाए तो दोबारा उसे जलाने की कोशिश करनी चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए।
3- Short Poems In Hindi: जिंदगी रुला रही
‘ऐ इतनी जिंदगी क्यों रुलाए जा रही है।
फिर भी आज क्या चाह रहा है।
‘चल तो रहे हैं तुम ही दौरे पर
फिर भी क्या समझा जा रहा है।
‘तेरी ही क़लम की लिखावट है, मेरी
सांसों पर फिर भी क्यों सताए जा रहा है।
‘मैं हार जाऊं तुमसे इसलिए, तूं
हर रोज कोर्ट का पक्ष लिया जा रहा है।
‘ऐ जिंदगी है तो तूं मेरी ही
फिर भी क्यों रुलाए जा रही है।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक द्वारा कहा जा रहा है कि जिंदगी तू जीवन में मुझे बार-बार कठिन परिस्थितियों में डालकर क्यों रुला रही है। जिंदगी मेरी है फिर भी कदम कदम पर मेरी परीक्षा क्यों ले रही है। जिस दोराहे पर हम चल रहे हैं ए जिंदगी तू क्या समझा रही है। जिंदगी के राहों में जितने भी कठिन परिस्थितियां जितने भी इम्तिहान हम देते हैं उनसे कुछ ना कुछ सीख मिलती है आगे बढ़ने के लिए।
4- ज़िंदगी मिले न मिले (लेखक-हरिवंश राय बच्चन)
मंजिल मिले ना मिले
ये तो मुखदर की बात है।
हम कोशिश भी ना करें
ये तो गलत बात है…
जख्मों से भरी है,
वक्त को लेते हुए सीख लो,
हारना तो है एक दिन मौत से,
फिलहाल जिंदगी जीना सीख लो।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक हरिवंश राय बच्चन जी द्वारा कहा जा रहा है कि मंजिल ना मिलना तो नसीब की बात है। भगवान द्वारा हमें जो अनमोल तोहफा जिंदगी के रूप में दिया गया है क्या वह कम है। लेकिन कोशिश ना करना वह गलत है क्योंकि कठिन परिस्थितियों से निकलकर जो आगे बढ़ता है सही महीनों में वही जिंदगी में सफल होता है। सही मायने में जिंदगी जीना इसी को कहा जाता है।
5- नर हो, न निराश करो मन को (लेखक-मैथिलीशरण गुप्त)
कुछ काम करो, कुछ काम करो
जग में रह कर कुछ नाम करो
यह जन्म हुआ किस अर्थ अहो
समझो जिसमें यह व्यर्थ न हो
कुछ तो उपयुक्त करो तन को
नर हो, न निराश करो मन को
संभलों कि सुयोग न जाय चला
कब व्यर्थ हुआ सदुपाय भला
समझो जग को न निरा सपना
पथ आप प्रशस्त करो अपना
अखिलेश्वर है अवलंबन को
नर हो, न निराश करो मन को
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक मैथिलीशरण गुप्त जी द्वारा कहा जा रहा है कि अगर भगवान ने तुमको जन्म देकर जिंदगी दी है तो इसे व्यर्थ मत करो। बल्कि कुछ काम करो और जिंदगी में अपना नाम करो। आपकी पथ पर पैरों में कांटे भी जुड़ेंगे और कहीं पत्थर भी पाएंगे लेकिन आपको उन को पार करना है और अपना नाम करना है। मेहनत इतनी खामोशी से करो कि आपकी सफलता उसका शोर मचा दे।
6- झांसी वाली रानी (लेखक- सुभद्रा कुमारी चौहान)
सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,
बूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी,
गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,
दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी ।
चमक उठी सन् सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी ।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखिका सुभद्रा कुमारी चौहान जी द्वारा रानी लक्ष्मीबाई की वीरता का वर्णन किया जा रहा है। किस तरह से झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों को धूल चटाई थी। हर औरत में एक दुर्गा, सरस्वती और एक झांसी की रानी होती है। एक औरत को कभी भी अपने ऊपर अत्याचार होने का नहीं देना चाहिए बल्कि आवाज उठा कर अपने हक में बोलना चाहिए। जितना आप बर्दाश्त करोगे उतना ही लोग आपकी आवाज दबाने की कोशिश करेंगे।
7- Short Poems In Hindi: हर दिन नई रोशनी
मैं हर दिन अपने मन में आपकी मुस्कान के साथ जागता हूं।
यह देखने में एक सुंदर दृश्य है, इतना कोमल और इतना दयालु।
मेरे सपने मेरे और तुम्हारे विचार से भरे हुए हैं।
मैं जागता हूं और मुस्कुराता हूं, क्योंकि मेरे सपने सच हो गए हैं।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक हर दिन एक नई रोशनी एक नई उम्मीद के साथ उठने का संदेश दे रही है। बंद आंखों से देखे गए सपने कभी पूरे नहीं होते बल्कि अपने सपनों को सच करने के लिए जागना पड़ता है और खुली आंखों से उन सपनों को साकार करना पड़ता है। हम जो सपने देखते हैं वह हमारे विचार में रहते हैं और मुस्कुराते हुए उन्हें पूरा करने की चाहत में लगे रहना चाहिए।
8- Short Poems In Hindi: कल एक झलक
कल एक झलक को देखा,
वो राहों पे मेरी गुनगुना रही थी,
फिर जा उसे दुर्घटना उद्र
वो आँख मिचौली कर मुस्कान रही थी,
एक अरसे के बाद मुझे क़रार,
वो सहला के मुझे सुला रही थी,
हम दोनों क्यूँ ख़फ़ा हैं एक से
मैं उसे और वो मुझे समझा रही थी,
मैंने पूछा- क्यों इतना दर्द दिया
कमबख्त तूने,
वो हंसी और बोली- मैं जिंदगी हूं पगले
जाना सिखा रही थी।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक द्वारा कहा जा रहा है कि जिंदगी समय-समय पर कुछ ना कुछ नया सिखा कर जाती है। आपकी जिंदगी में चाहे सुख हो या दुख लेकिन हर हाल में दुख को छुपा कर चेहरे पर मुस्कान लेकर उन मुश्किलों का सामना करना ही असल ज़िंदगी है। जिंदगी के हर पड़ाव में साहस, जोश, उत्साह, वीरता और समर्पण के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए। कभी भी किसी भी क्षण खुद के अंदर अहंकार और क्रोध ना लाकर और मीठे बोल बोलने चाहिए।
9- जो बीत गया सो बात गई
जो छूट गया उसका क्या मलाल करें,
जो हासिल है, चल उसी से ही सवाल करें ।
बहुत दूर तक हो जाता है, यसदो के काफ़िले,
फिर क्यों पुरानी वसदो मे सुबह से शाम करें।
माना इसे कम सी है, जिंदगी थमीं सी हैं,
पर क्यों दिल की धड़कन को दर-किनार करें ।
मिल ही जाएगा जंगल का कोई नया घुल,
आ ज़रा ऐसी रात से किसी ख़ास का इंतज़ार करें।
व्याख्या
कविता के माध्यम से लेखक द्वारा कहा जा रहा है कि जो जिंदगी में नहीं मिला उसका मलाल ना करके जो भगवान ने दिया है उसे खुशी-खुशी अपना कर आगे बढ़ना चाहिए। पुरानी यादों को मन में बिठाकर उनके बारे में सोचकर समय व्यर्थ करना मूर्खता की निशानी है। जो बीत गया उसके बारे में ना सोच कर जो आने वाला है उसके लिए तैयार रहना चाहिए।
10- Short Poems In Hindi: जिंदगी बसर कीजिए
न दर्जी,
न ख्वाहिशें दर्ज करें,
चार दिन की जिंदगी है,
बस चैन से बसर करे।
न किसी को दर्ज करें,
न किसी को चुनें, न
लाख गलत भी कहें,
मुस्कुराएं छोड़ दें।
न रूठा किसी से जो,
न झूठा वादा किसी से,
कुछ फुरसत के पल निकालिये,
कभी खुद से भी मिला लीजिए।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक द्वारा कहा जा रहा है कि अपनी जिंदगी आपकी खुद की है और इसे सुकून के साथ जीना चाहिए। आपको कोई गलत भी कह रहा है तो आप उसे सुन कर मुस्कुरा कर वहां से हट जाएं। जब आप खुद में जीने लगते हैं तब ना किसी से झूठा वादा होता है ना किसी के रूठने का डर। ना किसी से उम्मीद होती हैं और ना ही किसी का इंतजार। अगर आप अकेले हैं तो फुर्सत के पलों में आप स्वयं से मिले और अकेले बैठकर वह सोचिए जो आपके सपने हैं और उनको पूरा करने में जुट जाएं।
11- हसरत (लेखक- नवाब मंजूर)
हसरत थी उनकी हमें मिटाने की
ले आए खंजर भर जमाने की
तू भी तो कोई चीज़ है नवाब
हुए चकनाचूर सारे उनके ख्वाब।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक मंजूर नवाब जी द्वारा कहा जा रहा है कि आज के समय में लोग दूसरों को आगे बढ़ते देख उन्हें रोकने के लिए टोलिया तैयार कर लेते है। उनमें इतनी भी हिम्मत नही होती कि अकेले आकर सामना करे।
12- इबारत (लेखक- रमाकांत सोनी सुदर्शन)
लेखनी लिख नई ताबीर नई इबारत हो जाए,
रच दे गीत कोई प्यारा शायद शोहरत को पाए।
प्यार के नगमे सुरीले बहा दे प्रीत की रसधार,
नैना देखे जिधर भी झलके बस प्यार ही प्यार।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक रमाकांत जी द्वारा यह सीख दी जा रही है कि आप खुद को इतना हुनरमंद बनालो की आपकी कामयाबी की चर्चा आपकी शौहरत से हो जाए और आप जहा भी नजर डाले लोगो के हृदय में केवल प्यार ही समा जाए।
13- अतुलित (लेखक- रमाकांत सोनी सुदर्शन)
अतुलित बल बुद्धि निधान
रामदुलारे महावीर हनुमान
पर्वत उठा लाए वो संजीवन
भ्राता लक्ष्मण के बचाए प्राण
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक रमाकांत जी द्वारा यह सीख दी जा रही है कि आप भी खुद को भगवान हनुमान जैसा अधिक शक्तिशाली और बुद्धिमान बनलो। जिस प्रकार भगवान हनुमान पर्वत उठा लाए थे लक्ष्मण के प्राण बचाने के लिए उसी प्रकार आपको भी दूसरों की सहायता के लिए तैयार रहना चाहिए।
14- जल है तो कल है (लेखक- रमाकांत सोनी सुदर्शन)
जल है तो जीवन धारा अपनापन प्रेम प्यारा,
पानी अनमोल बड़ा है जल से रिश्ता हमारा।
कुदरत की अनुपम सौगात पानी से बल है,
जल जीवन आधार बस जल है तो कल है।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक रमाकांत जी द्वारा यह कहा जा रहा है कि जल है तो जीवन है। जल से बड़ा अनमोल रिश्ता है। जिस प्रकार जल बिन मछली तड़प तड़प कर मर जाती है उसी प्रकार हम भी जल पर निर्भर है।
15- दुआ (लेखक- रमाकांत सोनी सुदर्शन)
कितना सुकून मिलता, आंचल की छांँव मिले,
मृदुल दुलार मांँ का, दुआओं से झोली भरती।
डांँट फटकार प्यारी, झरना स्नेह का बहाती है,
मां की दुआएं हमारी, सब पीड़ायें हर जाती है।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक रमाकांत जी द्वारा यह बताया जा रहा है कि हमारे जीवन में मां का क्या अस्तित्व है। खुदा ने यूही मां के कदमों में जन्नत नहीं डाल दी। मां अपने बच्चे की सब दुख तकलीफ को अपने सर ले लेती है और हमारी झोली खुशियों से भर देती है।
16- जीवनपथ (लेखक- शेरसिंह हुंकार)
जीवन पथ कें दोराहें पर, खडा बेचारा सोच रहा,
किस पथ जाए वो संसय में, पडा बेचारा सोच रहा।
जिसकों उसकों अपना माना,उसके मन में और कोई,
इस दुविधा में व्याकुल है मन,खडा बेचारा सोच रहा।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक शेरसिंह हुंकार जी द्वारा बताया जा रहा है कि आप जिंदगी के किसी भी पड़ाव को आसानी से पर कर सकते है अगर आपको रास्ता पता है तो। जिंदगी के दोराहे पर खड़े होकर यह सोचना की किस ओर जाना है तो सिर्फ आप अपना समय ही नही बल्कि अपनी मंजिल भी खो सकते हो।
17- क्या जानो (लेखक- शेरसिंह हुंकार)
दीया बुझने से पहले जलने का एहसास क्या जानो।
किसी के दिल मे उठते प्यास का एहसास क्या जानो।
नही जज्बात तुम मे न तडप,ख्वाहिश को पाने की,
सुनो हुंकार के उलझन के तुम, एहसास क्या जानो
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक शेरसिंह हुंकार जी द्वारा बताया जा रहा है कि जब तक एक मनुष्य को सुख दुख का एहसास ही ना हो तब तक उसे कुछ महसूस नही हो सकता। जिस प्रकार एक दिया बुझने से पहले जलकर हमे प्रकाश देता है उसी तरह हमें भी दूसरों के प्रति भावनाओ को समझना चाहिए और उनके जीवन में प्रकाश भरने की कोशिश करनी चाहिए।
18- अजब एहसास (लेखक- शेरसिंह हुंकार)
अजब एहसास दिल को हो रहा है, तुमको देखा जो।
पुराने दिल के सारे ख्वाब जागे, तुमको देखा जो।
नजर को पढ तो ले फिर से, वही हसरत पुरानी है,
दबी हर बात उभरी फिर से दिलवर, तुमको देखा जो।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक शेरसिंह हुंकार जी द्वारा बताया जा रहा है कि एक साथी अपने साथी को देख कर एक अजीब सी कशमकश में पढ़ जाता है। उसके दिल में छुपी सारी पुरानी यादें ताजा हो जाती है। एक बार फिर से वही पुरानी हसरत जाग उठी है मन में।
18- अभिमान (लेखक- रमाकांत सोनी सुदर्शन)
गर्व करता हूं अपने देश पर
अभिमान है भारतीय सभ्यता और संस्कृति पर
गुमान है अपने संस्कारों का
गुरूर है स्वाभिमान का
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक रमाकांत जी द्वारा कहा जा रहा है कि देश के हर व्यक्ति को हमारे भारत की सभ्यता पर गर्व है और अभिमान है। हम गर्व है की हम भारत देश के निवासी हैं। हमारे संस्कार, हमारा गुरूर और स्वाभिमान है।
19- प्रकृति (लेखक- गणपत लाल उदय)
चाहें पेड़ पौधे जीव जन्तु अथवा कोई हो इन्सान,
इस प्रकृति से हम है और हमसे ही इसकी शान।
कुछ भी तो नही मांगती प्रकृति सदैव देती रहती,
अपना सर्वस्व लुटाकर भी समझती है यह शान।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक गणपत लाल उदय जी द्वारा प्रकृति के गुणों का वर्णन किया जा रहा है। भगवान द्वारा बनाई गई इतनी खूबसूरत प्रकृति ,जीव जंतु, पशु पक्षी, पेड़ पौधे आदि सब बहुत सुंदर है।
20- बड़ी बड़ी बातें (लेखक- आचार्य)
बड़ी बड़ी बातो से कुछ नही होता,
चमत्कार को लोग नमस्कार करते हैं।
बहरो को भी अक्सर उन्ही की आवाज सुनाई देती,
जो मंच पर चढ़े रहते हैं।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक आचार्य जी द्वारा यह सीख दी जा रही है कि बड़ी बड़ी बातो से नाम नही होता बल्कि बड़े बड़े कामों से नाम होता है। मेहनत इतनी करो की सफलता आपके कदमों में आ गिरे।
दोस्तों हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख अवश्य ही पसंद आया होगा। आगे भी हम आपके लिए ऐसे ही कुछ चुनिंदा प्रसिद्ध कविताएं लेकर आते रहेंगे। आप ऐसे ही अपना प्यार बनाए रखें और हमारे आर्टिकल्स को आगे भी पढ़ते रहे Short Poems In Hindi!
वाह क्या शानदार पंक्तियाँ लिखी है
आगे और आगे देखने की चाह बनी हुए है
Ek से एक शब्द व्यंग और अलंकार है
मन से पढ़ते हुए भी हिंदी साहित्य का अभिमान है