Shayari Of Sahir Ludhianvi
हेलो फ्रेंड्स! साहिर लुधियानवी जी का जन्म एक मुस्लिम परिवार में पंजाब के लुधियाना में 8 मार्च 1921 को हुआ था। इनका असली नाम अब्दुल हयी साहिर था। साहिर साहब ने बॉलीवुड के कई सारे गाने लिखे हैं। साहिर साहब कॉलेज के दिनों से ही अपनी गजलों के लिए चर्चित रहते थे। लुधियानवी जी को पद्मश्री अवार्ड के अलावा कई सारे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। दोस्तों आज हम आपके लिए साहिर लुधियानवी जी की प्रसिद्ध शायरी लेकर आए हैं जिसे पढ़कर अवश्य ही आपको अच्छा लगेगा। यदि आप भी साहिर लुधियानवी जी की शायरी पढ़ना पसंद करते हैं तो हमारे इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।
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1-Shayari Of Sahir Ludhianvi : हालात
कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया
बात निकली तो हर इक बात पे रोना आया।
व्याख्या
इस शायरी में शायर साहिर लुधियानवी जी द्वारा बताया जा रहा है कि कभी-कभी लोगों को अपने हालात पर रोना आ जाता है तो कभी खुद पर लेकिन कुछ बातें ऐसी होती हैं कि जब वह निकलती है तो हर एक बात पर आंख आंसुओं से भर आती है।
2- गम और खुशी
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहां
मैं दिल को उस मक़ाम पे लाता चला गया।
व्याख्या
इस शायरी में शायर साहिर लुधियानवी जी द्वारा कहा जा रहा है कि सुख और दुख जिंदगी का वह पहलू है जो हमें बराबर देखने को मिलता है लोग ऐसे होते हैं कि वह सुख और दुख में फर्क महसूस नहीं करते क्योंकि वह अपने दिल को इतना मजबूत कर चुके होते हैं और उस मुकाम पर पहुंच जाते हैं कि जहां उन्हें इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता।
3-Shayari Of Sahir Ludhianvi : मोहब्बत
अपनी तबाहियों का मुझे कोई ग़म नहीं
तुम ने किसी के साथ मोहब्बत निभा तो दी।
व्याख्या
इस शायरी में शायर साहिर लुधियानवी जी द्वारा बताया जा रहा है कि जो इंसान सच में आप से मोहब्बत करता है उसे आपके छोड़ जाने पर अपनी तबाही का कोई गम नहीं होता क्योंकि ऐसे लोग अपने प्यार की खुशी देखते हैं और अगर उनका प्यार किसी दूसरे के साथ खुश है तो उस से बढ़कर उनके लिए कुछ नहीं होता।
4-Shayari Of Sahir Ludhianvi : नज़र
ले दे के अपने पास फ़क़त इक नज़र तो है
क्यूं देखें ज़िंदगी को किसी की नज़र से हम।
व्याख्या
इस शायरी में शायर साहिर लुधियानवी जी द्वारा कहा जा रहा है कि जिन लोगों के पास नजर के अलावा कुछ नहीं होता दुनिया को देखने के लिए वह लोग किसी दूसरे की नजरों से या किसी दूसरे के कहने पर दुनिया को क्यों देखें।
5- माहौल
अभी न छेड़ मोहब्बत के गीत ऐ मुतरिब
अभी हयात का माहौल ख़ुश-गवार नहीं।
व्याख्या
इस शायरी में शायर लुधियानवी जी द्वारा बताया जा रहा है कि जो लोग खुशगवार माहौल में जीना पसंद करते हैं ऐसे लोग मोहब्बत जैसी राह पर नहीं चलते क्योंकि आज के समय में सच्ची मोहब्बत मिलना नामुमकिन है।
6-Shayari Of Sahir Ludhianvi : खुशी के गीत
हम ग़म-ज़दा हैं लाएं कहां से ख़ुशी के गीत
देंगे वही जो पाएंगे इस ज़िंदगी से हम।
व्याख्या
इस शायरी में शायर साहिर लुधियानवी जी द्वारा कहा जा रहा है कि जो लोग दुख तकलीफ कहते हैं उन्हें खुशी से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि इंसान जो लोगों को देता है बदले में उसको वही मिलता है।
7- बर्बादी
बर्बादियों का सोग मनाना फ़ुज़ूल था
बर्बादियों का जश्न मनाता चला गया।
व्याख्या
इस शायरी में शायर साहिर लुधियानवी जी द्वारा बताया जा रहा है कि यदि आप किसी तकलीफ में है या आपके साथ कुछ बुरा होता है तो उस तकलीफ का शोक मनाना फिजूल है अगर जिंदगी को अपने हिसाब से खुशी-खुशी जीना है तो तकलीफ में भी जश्न मनाना चाहिए।
8-Shayari Of Sahir Ludhianvi : जिंदगी गुलज़ार
माना कि इस ज़मीं को न गुलज़ार कर सके
कुछ ख़ार कम तो कर गए गुज़रे जिधर से हम।
व्याख्या
इस शायरी में शायर साहिर लुधियानवी जी द्वारा कहा जा रहा है कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जो कभी भी अपने आसपास रहने वाले लोगों की जिंदगी को गुलजार नहीं कर सकते लेकिन ऐसे लोग अपने आसपास रहने वाले लोगो के रास्ते में आने वाले कार्टून को कम अवश्य कर सकते हैं।
9- फसाना
संसार की हर शय का इतना ही फ़साना है
इक धुंद से आना है इक धुंद में जाना है।
व्याख्या
इस शायरी में शायर साहिर लुधियानवी जी द्वारा बताया जा रहा है कि इस संसार में हर एक इंसान का एक बहुत छोटा सा फसाना है कि जिस धुंध से वह इस दुनिया में आता है उसी धुंध से वापस भी उसको वापिस भी जाना है।
10-Shayari Of Sahir Ludhianvi : मसला
जंग तो ख़ुद ही एक मसअला है
जंग क्या मसअलों का हल देगी।
व्याख्या
इस शायरी में शायर साहिर लुधियानवी जी द्वारा कहा जा रहा है कि जिंदगी की जंग खुद ही एक मसला है और यह जंग हमेशा जारी रहेगी और यह जंग कभी मसले को हल नही कर सकती है।
11- खुदा
अरे ओ आसमां वाले बता इस में बुरा क्या है
ख़ुशी के चार झोंके गर इधर से भी गुज़र जाएं।
व्याख्या
इस शायरी में शायर साहिर लुधियानवी जी द्वारा बताया जा रहा है कि जो लोग अपनी जिंदगी में केवल दुख और तकलीफ के सहारे जीते हैं क्या वह उस खुदा से खुशी के चार झोंको की भी दुआ नहीं कर सकते।
12-Shayari Of Sahir Ludhianvi : काफिले बहारो के
इस तरफ़ से गुज़रे थे क़ाफ़िले बहारों के
आज तक सुलगते हैं ज़ख़्म रहगुज़ारों के।
व्याख्या
इस शायरी में शायर साहिर लुधियानवी जी द्वारा कहा जा रहा है कि जिंदगी का एक पड़ाव ऐसा आता है जहां जहां बहारों के काफिले गुजरते हैं वही काफिले जिंदगी भर सुलगते ज़ख्म बन जाते हैं।
13- इल्जाम
वैसे तो तुम्हीं ने मुझे बरबाद किया है
इल्ज़ाम किसी और के सर जाए तो अच्छा।
व्याख्या
इस शायरी में शायर साहिर लुधियानवी जी द्वारा बताया जा रहा है कि जब कोई आपसे सच्ची मोहब्बत करता है और वक्त आने पर आपको धोखा देकर पूरी तरह बर्बाद कर जाता है तो अब बात करने वाला इंसान आपको अपनी बर्बादी का इल्जाम भी नहीं देना चाहता क्योंकि उसके दिल में मोहब्बत इतनी होती है।
14-Shayari Of Sahir Ludhianvi : तेरी दुनिया में
तेरी दुनिया में जीने से तो बेहतर है कि मर जाएं
वही आंसू वही आहें वही ग़म है जिधर जाएं।
व्याख्या
इस शायरी में शायर साहिर लुधियानवी जी द्वारा कहा जा रहा है कि जिंदगी भर आंसू तकलीफ सहते सहते रुह तक अंदर से टूट जाती है। जिसके बाद सिर्फ और सिर्फ खुदा से एक ही दुआ निकलती है कि इस तकलीफ से बेहतर तो मरना है।
15- ख्यालात
पेड़ों के बाज़ुओं में महकती है चांदनी
बेचैन हो रहे हैं ख़यालात क्या करें।
व्याख्या
इस शायरी में शायर साहिर लुधियानवी जी द्वारा बताया जा रहा है कि रात अंधेरों में जब पेड़ों पर चांदनी महकती है तो मन में आने वाले खयाल बेचैन पड़ जाते हैं।
हम आशा करते हैं दोस्तों कि आपको हमारी आज की साहिर लुधियानवी जी की शायरी अवश्य ही पसंद आई होगी। आगे भी हम आपके लिए कुछ चुनिंदा और मशहूर शायरों की शायरी लेकर आते रहेंगे।और आप इसी तरह हमारे साथ हमेशा बने रहे हैं।