Shayari Of Mirza Ghalib
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1-Shayari Of Mirza Ghalib : कुदरत (लेखक – मिर्जा गालिब)
वो आए घर में हमारे खुदा की कुदरत है,
कभी हम उन को कभी अपने घर को देखते हैं।
व्याख्या
इस शायर मिर्जा गालिब जी द्वारा यह बताया जा रहा है कि जब हम किसी से सच्चे दिल से इश्क करते हैं और वह इंसान हमारे घर पर हमारी आंखों के सामने आ जाता है तो उनका आना हमारे लिए खुदा की कुदरत से कम नहीं होता।
2– Shayari Of Mirza Ghalib : दवा (लेखक – मिर्जा गालिब)
दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है,
आख़िर इस दर्द की दवा क्या है।
व्याख्या
इस शायरी शायर मिर्जा गालिब द्वारा कहा जा रहा है कि जब किसी से मोहब्बत हो जाती है तो दिल में एक अजीब सी हलचल होने लगते हैं जिसमें इंसान को खुद नहीं पता होता कि उसके साथ क्या हो रहा है और उस दर्द की दवा भी किसी के पास नहीं मिलती।
3– दर्द ए दिल (लेखक – मिर्जा गालिब)
दर्द हो दिल में तो दवा कीजे,
दिल ही जब दर्द हो तो क्या कीजे।
व्याख्या
इस शायरी में शायर मिर्जा गालिब द्वारा बताया जा रहा है कि जब दिल में दर्द होता है तो दवा दी जाती है लेकिन जब दर्द ही दिल हो तो उसकी क्या ही दवा की जाए।
4-Shayari Of Mirza Ghalib : सैलाब ए बला (लेखक – मिर्जा गालिब)
आया है बेकसी-ए-इश्क पे रोना ग़ालिब,
किसके घर जायेगा सैलाब-ए-बला मेरे बाद।
व्याख्या
इस शायरी मे शायर मिर्जा गालिब द्वारा यह कहा जा रहा है कि कई बार हम जिस इंसान से सच्ची मोहब्बत करते हैं वह हमें रोता हुआ छोड़ कर चला जाता है लेकिन जिस तरह उसने हमें छोड़ा है इंसान कभी किसी का सगा नहीं हो सकता क्योंकि जो आपको रुला सकता है वह किसी को भी रुला सकता है।
5– दुख देकर दवा करते हैं (लेखक – मिर्जा गालिब)
दुःख दे कर सवाल करते हो,
तुम भी ग़ालिब कमाल करते हो।
व्याख्या
इस शायरी में शायर मिर्जा गालिब द्वारा बताया जा रहा है कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जो खुद ही हमें दुख देते हैं और खुद ही हमारे दुखों की वजह पूछते हैं।
6-Shayari Of Mirza Ghalib : फना (लेखक – मिर्जा गालिब)
हम तो फना हो गए उसकी आंखे देखकर गालिब,
न जाने वो आइना कैसे देखते होंगे।
व्याख्या
शायर मिर्जा गालिब द्वारा बताया जा रहा है कि जिन लोगों से हम प्यार करते हैं जब हम उनकी आंखों में देते हैं तो आंखें देखकर फना हो जाते हैं।
7- हाथो की लकीरें (लेखक – मिर्जा गालिब)
हाथों की लकीरों पे मत जा ऐ गालिब,
नसीब उनके भी होते है जिनके हाथ नहीं होते।
व्याख्या
शायरी में शायर मिर्जा गालिब द्वारा एक बहुत ही अहम बात बताते हैं कहा जा रहे हैं कि कुछ लोग हाथों की लकीरों के हिसाब से अपना आने वाला कल सोचते हैं लेकिन नसीब उनके भी होते हैं खुदा ने जिनको हाथ नहीं दिए।
8-Shayari Of Mirza Ghalib : जुनून (लेखक – मिर्जा गालिब)
बक रहा हूँ जूनून में क्या क्या कुछ
कुछ ना समझे खुदा करे कोई।
व्याख्या
इस शायरी में शायर मिर्जा गालिब द्वारा कहा जा रहा है कि कुछ लोग अपने जुनून और गुस्से में बहुत कुछ उल्टा सीधा बक जाते हैं लेकिन ऐसे लोगों की बातों पर ध्यान ना देना ही समझदारी होता है क्योंकि मुझे बोलना पागल इंसान को नहीं पता होता कि वह क्या कुछ बोल रहा है।
9-जन्नत की हकीकत (लेखक – मिर्जा गालिब)
हमको मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन,दिल को खुश रखने को ‘गालिब’ ये ख्याल अच्छा है।
व्याख्या
शायरी में शायर मिर्जा गालिब द्वारा बताया जा रहा है कि लोगों को मालूम होता है कि जन्नत में जगह बनाना आसान नहीं है लेकिन फिर भी दिल को खुश करने के लिए यह खयाल भी अच्छा होता है।
10-Shayari Of Mirza Ghalib : शोहरत (लेखक – मिर्जा गालिब)
इश्क मुझको नहीं, वहशत ही सही,
मेरी वहशत तेरी शोहरत ही सही।
व्याख्या
शायरी शायर मिर्जा गालिब द्वारा बताया जा रहा है कि कुछ लोग किसी के इश्क हो वह सब समझते हैं लेकिन उनकी वहशत कभी-कभी उनके साथी की शोहरत बन जाती है।
11-इरादा (लेखक – मिर्जा गालिब)
ऐसा कोई जिंदगी से वादा तो नही था,
तेरे बिना जीने का इरादा तो नही था।
व्याख्या
इस शायरी में शायर मिर्जा गालिब द्वारा कहा जा रहा है कि जब हम किसी से प्यार करते हैं तो उस इंसान के साथ अपनी जिंदगी का सफर तय करने का इरादा रखते हैं।
12-Shayari Of Mirza Ghalib : किरदार (लेखक – मिर्जा गालिब)
बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का,
अधूरी हो सकती है मगर खत्म नहीं।
व्याख्या
इस शायरी शायर मिर्जा गालिब द्वारा बताया जा रहा है कि मोहब्बत का किरदार भी बड़ा ही अजीब होता है अधूरी तो रह सकती है लेकिन कभी किसी के दिल से खत्म नहीं हो सकती।
13- सुकून (लेखक – मिर्जा गालिब)
जागना भी काबुल है तेरी यादों में रातभर,
तेरे अहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ।
व्याख्या
इस शायरी में शायर मिर्जा गालिब द्वारा कहा जा रहा है कि किसी की यादों में रात भर जागना भी कबूल होता है क्योंकि किसी को सोचकर उसके एहसास में जो सुकून मिलता है ना वह नींद में नहीं मिलता।
14-Shayari Of Mirza Ghalib : अजनबी (लेखक – मिर्जा गालिब)
एक बीते हुए रिश्ते की,
एक बीती घड़ी से लगते हो,
तुम भी अब अजनबी से लगते हो।
व्याख्या
इस शायरी में शायर मिर्जा गालिब द्वारा कहा जा रहा है कि कई बार कुछ रिश्ते हैं हमारी जिंदगी में ऐसे भी जाते हैं की आने वाले समय में एक दूसरे को देखने के बाद अजनबी जैसा एहसास होता है।
15-अजनबी (लेखक – मिर्जा गालिब)
तेरी मुस्कुराहट भी इस कदर कमाल करती है,
बेजार मन को भी गुलजार करती है।
16-Shayari Of Mirza Ghalib : मोहब्बत
मोहब्बत में नहीं है फर्क जीने और मरने का
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफिर पे दम निकले।
व्याख्या
शायरी में शायर द्वारा यह बताया जा रहा है कि मोहब्बत में जीने मरने का फर्क नहीं होता क्योंकि उसी एक शख्स की खुशी देखकर हम जीने मरने को तैयार हो जाते हैं।
17- खामोशी
है कुछ ऐसी ही बात जो चुप हूं
वरना क्या बात करनी नहीं आती।
व्याख्या
इस शायरी में शायर मिर्जा गालिब द्वारा कहा जा रहा है कि कई बार रिश्तो में खामोशी अख्तियार करनी पड़ जाती है क्योंकि जिनसे हम प्यार करते हैं बेशक उनकी गलतियों में साथ ना दे लेकिन उनसे होने वाली गलतियां को लेकर उनको समझाया अवश्य जा सकता है।
18-Shayari Of Mirza Ghalib : एतबार
उनके देखने से जो आ जाती है मुंह पर रोनक
वह समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है।
व्याख्या
इस शायरी में शायर मिर्जा गालिब द्वारा बताया जा रहा है कि हमारी जिंदगी में कुछ लोग इस कदर अहमियत रखते हैं कि सिर्फ उनको देखने से ही हमारे चेहरे पर रौनक आ जाते हैं लेकिन वह नासमझ इतना भी नहीं समझते बीमार का हाल अच्छा है या बुरा।
19- एतबार
नींद उसकी है, दिमाग उसका है,रातें उसकी है
जिसकी शानें पर तेरी जुल्फें परेशान हो गई।
व्याख्या
शायरी में शायर मिर्जा गालिब द्वारा कहा जा रहा है कि आज के समय में सच्ची मोहब्बत निभाना बहुत ही मुश्किल काम है क्योंकि लोग प्यार किसी से करते हैं और अपनी रातें किसी और के शाने पर सर रख कर गुजार देते हैं।
20-Shayari Of Mirza Ghalib : खलिश
कोई तेरे दिल से पूछे तेरे तीरे नीमकश को
यह खालिश कहा से होती है जो जिगर के पार होता है।
व्याख्या
इस शायरी में शायर मिर्जा गालिब द्वारा बताया जा रहा है कि कुछ लोगों की तीर-ए-नज़र इतनी खुश होती है कि लोगों के जिगर को उस तीर से आर पार कर देती हैं।
21- कर्ज
कर्ज की पीते थे मैं लेकिन समझता था कि हां
रंग लाएगी हमारी फाकामस्ती एक दिन।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा कहा जा रहा है कि कुछ लोग खुद को इतना कमजोर और नाकामयाब समझ लेते हैं कि दूसरों के पैसों पर अपनी जिंदगी गुजार लेते हैं और सोच लेते हैं कि एक दिन हमारी यही फाका मस्ती रंग लेकर आई। किसी से कर्ज लेकर जी गई जिंदगी जीने से बेहतर है कि दो पैसे कमा कर खुशी-खुशी सुकून की जिंदगी जी जाए।
22-Shayari Of Mirza Ghalib : निगाह
लाखों लगाव एक चुराना निगाह का
लाखो बनाए एक बिगड़ना इतब का।
व्याख्या
इस शायरी में शायर मिर्जा गालिब द्वारा बताया जा रहा है कि एक ऐसा शख्स जो साथ छोड़ कर चला जाता है ऐसे शख्स का लाखों की भीड़ में हमसे नजरें भी चुराए तो हमारा लगाव और नजर उसी पर टिकी रहते हैं। क्योंकि हमेशा से लोग लोगों का चीजो को बिगाड़ना नोटिस करते हैं लेकिन बनाना नोटिस नहीं करते।
23-Shayari Of Mirza Ghalib : उम्मीद
हमको उनसे वफ़ा की है उम्मीद
जो नहीं जानते वफा क्या है।
व्याख्या
इस शायरी में शायर मिर्जा गालिब द्वारा कहा जा रहा है कि कई बार हम उन लोगों से वफा की उम्मीद कर बैठते हैं जिनको वफा का मतलब ही नहीं पता होता।
24- कुछ तो पढ़िए
कुछ तो पढ़िए कि लोग कहते हैं
आज गालिब ग़ज़ल सरा न हुआ।
व्याख्या
इस शायरी में शायर मिर्जा गालिब द्वारा कहा जा रहा है कि लोगों को पढ़ने का हुनर केवल शहरों में नहीं बल्कि और लोगों में भी होता है।
25-Shayari Of Mirza Ghalib : मैं चमन में क्या गया
मैं चमन में क्या गया गोया दबिस्तान खुल गया
बुलबुले सुनकर मेरे नाले ग़ज़ल ख्वां हो गई।
व्याख्या
इस शायरी में शायर मिर्जा गालिब द्वारा बताया जा रहा है कि शायर का किसी महफिल में चले जाना मतलब जैसे चारों और दबिस्तान (बाग) खुल जाता है। क्योंकि बहुत से लोग शेरो शायरी और गजल के बहुत बड़े फैन होते हैं और गज़ले सुनना पसंद होती हैं।
31- ज़िंदगी से उधार नही
ज़िन्दगी से हम अपनी कुछ उधार नही लेते,
कफ़न भी लेते है तो अपनी ज़िन्दगी देकर।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा बताया जा रहा है कि जिंदगी से कभी भी कुछ उधार नहीं लेना चाहिए और कुछ लोग तो इस हकीकत से भी अंजान बने रहते हैं कि कफन भी लेना होता है तो जिंदगी देकर लिया जाता है।
32- तेरे सिवा कोई आबाद नही
चाँदनी रातो कि खामोश सितारो के कसम,
दिल मै अब तेरे सिवा कोई भी आबाद नही।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा कहां जा रहा है कि कहा जा रहा है कि उसे चांदनी रातों के खामोश सितारों की कसम की जिंदगी में एक बार किसी को जगह देने के बाद दोबारा किसी को जगह ना दी।
33- बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल
बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मेरे आगे
होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा बताया जा रहा है कि कुछ लोगों की जिंदगी में दुनिया वाले बड़ी चाहे अटवाल की तरह होते हैं जहां पर रोज उनके सामने तमाशे लगे रहते हैं।
34- अना का पास।
मुहब्बत में उनकी अना का पास रखते हैं
हम जानकर अक्सर उन्हें नाराज़ रखते हैं।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा कहा जा रहा है कि कुछ लोग मोहब्बत में अपने प्यार में अन्ना की पास्दारी रखते हैं और जानबूझकर उन्हे नाराज रखते हैं।
35- दर्द की दवा।
इश्क से तबियत ने जीस्त का मजा पाया,
दर्द की दवा पाई दर्द बे-दवा पाया।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा बताया जा रहा है कि कुछ लोग इश्क में इतना प्यार कर बैठे हैं कि तुम्हें पता ही नहीं चलता कि दर्द की दवा मिली है या दवा में दर्द।
36- वादा ए गुलफाम
वो चीज़ जिसके लिये हमको हो बहिश्त अज़ीज़
सिवाए बादा-ए-गुल्फ़ाम-ए-मुश्कबू क्या है।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा कहा जा रहा है कि कुछ चीज किसी की लिए बहुत ज्यादा अजीज होती है।
37- पहचान
मैं उदास बस्ती का अकेला वारिस,
उदास शख्सियत पहचान मेरी।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा बताया जा रहा है कि कुछ लोग अपनी जिंदगी में इतने उदास और अकेले होते हैं कि उनकी उदास शख्सियत ही उनकी पहचान बन जाती है।
38- रास्ते को मोड़
वो रास्ते जिन पे कोई सिलवट ना पड़ सकी,
उन रास्तों को मोड़ के सिरहाने रख लिया।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा कहा जा रहा है कि कुछ रास्ते इंसान की जिंदगी में बिना किसी मोड़ के ऐसे होते हैं जिन्हें हम याद करके अपने दिल के तकिया की जगह अपने सिरहाने रखते हैं।
39- उदास दिल
जब ख़ुशी मिली तो कई दर्द मुझसे रूठ गए,
दुआ करो कि मैं फिर से उदास हो जाऊं।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा बताया जा रहा है कि कुछ लोग जिंदगी में इतनी ठोकर खाए हुए होते हैं कि उन्हें जरा सी खुशी भी मिलती है तो तो उदासी उसके साथ चली आती है इसलिए वह दुआ करते हैं कि वह किसी खुशी के शरीक न रहे।
40- एहसास
तू मिला है तो ये अहसास हुआ है मुझको
ये मेरी उम्र मोहब्बत के लिए थोड़ी है।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा कहा जा रहा है कि जब आपको किसी से सच्ची मोहब्बत हो जाए और उसे शख्स को आपकी मोहब्बत की अहमियत ही ना पता हो तो एहसास होता है कि हम मोहब्बत के लिए बने ही नहीं।
41- उदास दिल
अब तो आ जाओ साईं बहुत उदास है दिल,
सांसों की तरह जरूरी है, अब दीदार तेरा।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा बताया जा रहा है कि एक प्रेमी अपनी प्रेमी को याद करते हुए कह रहा है कि दिल बहुत उदास है और सांसों की तरह पर शख्स भी उसके दीदार के लिए तरस रहा है। कई बार मोहब्बत में जब तक हम अपने आंखों के सामने उस शख्स को ना देख ले तो करार ही नहीं आता।
42- तन्हाईया
बिखरा वजूद, टूटे ख़्वाब, सुलगती तन्हाईयाँ,
कितने हसीन तोहफे दे जाती है ये मोहब्बत।
व्याख्या इस शायरी में शायर द्वारा कहा जा रहा है कि कई बार मोहब्बत भी कितने हसीन तोहफे हमें दे जाती है सुलगती तन्हाई, टूटे ख्वाब और बिखरे वजूद।
43- दिल से मोहब्बत
मोहब्बत तो दिल से की थी, दिमाग उसने लगा लिया
दिल तोड़ दिया मेरा उसने और इल्जाम मुझपर लगा दिया।
व्याख्या इस शायरी में शायर द्वारा बताया जा रहा है कि कई बार हम किसी से दिल से मोहब्बत करते हैं और बेशक दिमाग लगाकर हमारा केवल फायदा उठाता है और दिल तोड़कर हम पर ही इल्जाम लगा देता है।
44- चांदनी रात
हक़ीक़त ना सही तुम ख़्वाब बन कर मिला करो,
भटके मुसाफिर को चांदनी रात बनकर मिला करो।
व्याख्या इस शायरी में शायर द्वारा अपने प्यार को याद करते हुए कहा जा रहा है कि हकीकत में नहीं मिल सकती, तो ख्वाब में ही एक बार आ जाओ। भटके मुसाफिर से एक बार चांदनी रात बनाकर मिलने आ जाओ।
45- नज़र को तरसने
न वो आ सके,न हम कभी जा सके
न दर्द दिल का किसीको सुना सके।
बस खामोश बैठे है उसकी यादों में
न उसने याद किया न हम उसे भुला सके।
व्याख्या इस शायरी में शायर द्वारा बताया जा रहा है कि कई बार दो लोग कुछ इस तरह अलग होते हैं कि ना वह हमसे बात करना चाहता है और ना हम कभी उसके पास जा पाते हैं और ना ही अपने दिल का दर्द किसी से कह पाते हैं। ना कभी वह शख्स हमें याद करता और ना हम कभी उसे भूल पाए बस खामोश बैठकर यादों में जिंदगी गुजर जाती है।
46- नज़र को तरसने
उनकी एक नजर को तरसते रहेंगे,
ये आंसू हर बार बरसते रहेंगे,
कभी बीते थे कुछ पल उनके साथ,
बस यही सोच कर हसते रहेंगे।
व्याख्या इस शायरी में शायर द्वारा कहा जा रहा है कि प्यार में धोखा खाए लोग कभी-कभी अपने प्यार की एक नजर को तरसते रहते हैं और उनकी आंखों से आंसू यूं ही बरसाते रहते हैं। कभी-कभी बिताया गया हर वह लम्हा उसे इंसान के साथ याद आता है और खुद बहुत चेहरे पर मुस्कान बिखर जाता है।
47- नही करनी मोहब्बत
नहीं करनी अब मोहब्बत किसी से,
एक बार करके ही पछता लिए हम,
उसी ने दे दिए हमें जिंदगी के सारे गम।
व्याख्या इस शायरी में शायर द्वारा बताया जा रहा है कि कुछ लोग एक बार मोहब्बत करके बहुत बड़ी सीख ले लेते हैं की बस एक बार किसी को दिल में जगह दे दी और हमेशा पछतावा रहेगा कि किसी को क्यों मौका दिया अपने दिल के साथ खेलने का। अगर मोहब्बत करनी है तो किसी ऐसे इंसान से करें जो आप ही की तरह आपको प्रेम दे ना कि एक तरफा।
48- ऐलान
मेरे मरने का एलान हुआ तो उसने भी यह कह दिया,
अच्छा हुआ मर गया बहुत उदास रहता था।
व्याख्या इस शायरी में शायर द्वारा कहा जा रहा है कि कुछ लोग मोहब्बत में हमारे मरने की दुआ करते हैं और लोगों के सामने कहते हैं कि अच्छा हुआ मर गया बहुत उदास रहता था जबकि उदास रहने की वजह वह खुद ही होता है।
49- बेवफाई
उदास हूँ किसी की बेवफाई पर
वफा कही तो कर गए हो खुश रहो।
व्याख्या इस शायरी में शायर द्वारा मैं जा रहा है कि बताया जा रहा है कि कुछ लोग किसी की बेवफाई पर इस कदर उदास रहते हैं लेकिन जब वही लोग किसी के साथ वफा कर जाते हैं तो उनकी वही उदासी खुशी में बदल जाती है। किसी से अगर मोहब्बत करनी है तो ऐसे इंसान से करो जो आपके साथ हमेशा वफा कर सकें।
50- इंतज़ार
यों ही उदास है दिल बेकरार थोड़ी है,
मुझे किसी का कोई इंतज़ार थोड़ी है।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा बताया जा रहा है कि कुछ लोग अपनी उदासी छुपाने के लिए झूठ बोल देते हैं लेकिन उनके दिल की बेकरारी साफ-साफ पता चल जाती है कि वह किसी का इंतजार कर रहे हैं।
इस शायरी में शायर द्वारा कहा जा रहा है कि जब कोई इंसान आपकी जिंदगी में खास होता है तो उसकी एक मुस्कान से आपका बेजार मन खिल उठता है।