Shayari Of Jaun Elia
हेलो दोस्तों! जॉन एलिया उर्दू जबान के एक बहुत ही मशहूर कवि थे जिन्होंने अपनी शेरो शायरी से लोगों के दिलों पर एक अलग ही छाप छोड़ी है। जोन एलिया का असली नाम सय्यद हुसैन जोन असगर था इसके बाद उन्होंने शायरी की दुनिया में कदम रखने के बाद अपना नाम जॉन एलिया रखा। इनका 14 दिसंबर 1931 में उत्तर प्रदेश के अमरोहा में हुआ था। उर्दू जबान के शेयरों में जॉन एलिया का नाम नंबर वन पर आता है। तो दोस्तों अगर आपको उर्दू जबान में शायरी पसंद है तो हमारे इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें क्योंकि हम आपके लिए जॉन एलिया के कुछ बहुत ही मशहूर शायरी लेकर आए हैं।
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1-Shayari Of Jaun Elia : नाम
अपने सब यार काम कर रहे हैं
और हम हैं कि नाम कर रहे हैं।
व्याख्या
इस शायरी में शायर जॉन एलिया द्वारा बताया जा रहा है कि कुछ लोग जो हमारे दोस्त और हमारे साथ रहते हैं, वह केवल अपने काम पर ध्यान देते हैं लेकिन हम अपने नाम पर ध्यान देते हैं।
2- याद
अब तो हर बात याद रहती है
ग़ालिबन मैं किसी को भूल गया।
व्याख्या
इस शायरी में शायर जॉन एलिया द्वारा कहा जा रहा है कि कुछ लोग हमारी जिंदगी में ऐसे होते हैं जिन्हें हम भूल तो जाते हैं लेकिन उनकी हर बात हमें हमेशा याद रहती है।
3-Shayari Of Jaun Elia : अब मेरी कोई ज़िंदगी ही नहीं
अब मेरी कोई ज़िंदगी ही नहीं
अब भी तुम मेरी ज़िंदगी हो क्या।
व्याख्या
इस शायरी में शायर जॉन एलिया द्वारा बताया जा रहा है कि जब कोई इंसान किसी से सच्ची मोहब्बत करता है तो वह उस एक इंसान को अपनी जिंदगी मान लेता है।
4- मजबूर
इलाज ये है कि मजबूर कर दिया जाऊँ
वरना यूँ तो किसी की नहीं सुनी मैंने।
व्याख्या
शायरी में शायर जॉन एलिया द्वारा कहा जा रहा है कि कुछ लोगों को जिंदगी में इतना मजबूर कर दिया जाता है कि बिना किसी कारण भी उन लोगों को सुनने की आदत हो जाते हैं क्योंकि यही उनका इलाज होता है।
5-Shayari Of Jaun Elia : उस गली ने ये सुन के सब्र किया
उस गली ने ये सुन के सब्र किया
जाने वाले यहाँ के थे ही नहीं।
व्याख्या
इस शायरी में शायर ने जॉन एलिया द्वारा बताया जा रहा है कि कुछ लोग अपने रिश्तो को लेकर इतने संजीदा होते हैं कि उनके जाने पर सिर्फ साबर करके बैठ जाते हैं यह सोच कर कि वह हमारी किस्मत में ही नहीं।
6- हालत
एक ही तो हवस रही है हमें
अपनी हालत तबाह की जाए।
व्याख्या
इस शायरी में शायर जॉन एलिया द्वारा कहा जा रहा है कि जिंदगी में धोखा खाने के बाद सिर्फ एक ही हवस रह जाती है और वह अपनी हालत तबाह करने की। इसलिए कभी भी किसी को इतना दुख नहीं देना चाहिए कि वह इंसान अपनी जिंदगी खत्म करने पर आमादा हो जाए।
7-Shayari Of Jaun Elia : क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने में
क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने में
जो भी ख़ुश है हम उस से जलते हैं।
व्याख्या
इस शायरी में शायर जॉन एलिया द्वारा कहा जा रहा है कि कई बार लोग हमें सिर्फ देखकर जज कर बैठते हैं कि हम लोगों की खुशी से जलते हैं लेकिन कभी भी किसी को देखकर जज नहीं करना चाहिए।
8- वास्ता
कैसे कहें कि तुझ को भी हम से है वास्ता कोई
तू ने तो हम से आज तक कोई गिला नहीं किया।
व्याख्या
इस शायरी में शायर जॉन एलिया द्वारा बताया जा रहा है कि जब कोई आप से मोहब्बत करता है आपके साथ रहता है तो वह आपके अच्छे बुरे बर्ताव में साथ देता है और जहां सच्चे रिश्ते होते हैं वहां पर प्यार के साथ-साथ शिकायतें भी जायज होती हैं।
9-Shayari Of Jaun Elia : काम की बात मैंने की ही नहीं
काम की बात मैंने की ही नहीं
ये मेरा तौर-ए-ज़िंदगी ही नहीं।
व्याख्या
इस शायरी में शायर जॉन एलिया द्वारा कहा जा रहा है कि कुछ लोग अपनी जिंदगी मजबूत इरादों और आजादी के साथ जीना पसंद करते हैं इसलिए वह ज्यादा किसी से काम को लेकर चर्चा नहीं करते।
10- जाने कैसे लोग होंगे
कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे
जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे।
व्याख्या
इस शायरी में शायरी जॉन एलिया द्वारा बताया जा रहा है कि कुछ लोग किसी को धोखा देकर बड़े ऐश में और इतराते फिरते हैं और दूसरों के दिल के साथ वही सब करते हैं जो हमारे साथ कभी करते थे।
11-Shayari Of Jaun Elia : कितनी दिलकश हो तुम कितना दिल-जू हूँ मैं
कितनी दिलकश हो तुम कितना दिल-जू हूँ मैं
क्या सितम है कि हम लोग मर जाएँगे।
व्याख्या
इस शायरी में शायर जॉन एलिया द्वारा कहा जा रहा है कि जब इंसान की जिंदगी का सफर दिलकश और खूबसूरत बनने लगता है तो कभी-कभी उसे मरने से भी डर लगने लगता है।
12- दिल
कौन से शौक़ किस हवस का नहीं
दिल मेरी जान तेरे बस का नहीं।
व्याख्या
इस शायरी में शायर जॉन एलिया द्वारा बताया जा रहा है कि कुछ लोग सीरियस रिलेशनशिप होने के बाद भी प्यार की परवाह नहीं करते। सीधी सी बात है जब कोई इंसान किसी के दिल की परवाह नहीं करता यह किसी को दिल रखना उसे नहीं आता तो प्यार ही नही करना चाहिए।
13-Shayari Of Jaun Elia : ख़र्च चलेगा अब मेरा
ख़र्च चलेगा अब मेरा किस के हिसाब में भला
सब के लिए बहुत हूँ मैं अपने लिए ज़रा नहीं।
व्याख्या
शायरी में शायर जॉन एलिया द्वारा कहा जा रहा है कि जब आप घर की जिम्मेदारियां निभाने के लिए काफी है तो खर्चा दूसरों के हिसाब से चलेगा क्योंकि ऐसे लोग सिर्फ और सिर्फ अपनों की खुशी के बारे में सोचते हैं अपने लिए जरा नहीं सोचते।
14- गम
जमा हम ने किया है ग़म दिल में
इस का अब सूद खाए जाएँगे।
व्याख्या
इस शायरी में शायर जॉन एलिया द्वारा कहा जा रहा है कि जब किसी इंसान को जिंदगी में दुख और तकलीफ मिलते जाते हैं तो आने वाले वक्त में उसके दुख और तकलीफ उसके लिए सूद का काम करते हैं जो जिंदगी भर उसको खाते रहते हैं।
15-Shayari Of Jaun Elia : ज़िंदगी एक फ़न है लम्हों को
ज़िंदगी एक फ़न है लम्हों को
अपने अंदाज़ से गँवाने का।
व्याख्या
शायरी में शायर जॉन एलिया द्वारा कहा जा रहा है कि जिंदगी एक खूबसूरत एहसास है जहां हर एक लम्हा खुल कर जीना चाहिए। इस जिंदगी के जीने के अंदाज़ को कभी भी गवाना नहीं चाहिए।
16- मेरा नाम
शर्म, दहशत, झिझक, परेशानी,
नाज़ से काम क्यों नहीं लेतीं,
आप,वो,जी,मगर,ये सब क्या है,
तुम मेरा नाम क्यों नहीं लेतीं।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा बताया जा रहा है कि कुछ लोग हमें हमारे नाम से नहीं बल्कि अजीबोगरीब अल्फाजों से पुकारते हैं जैसे आप, वह, जी, मगर यह सब क्या है? ऐसे अल्फाजों से किसी को अगर पुकारा जाता है तो उसमें सिर्फ शर्म, झिजक और परेशानी ही जाहिर होती है अपनापन नही।
17- मर गए ख्वाब
मर गए ख़वाब सबकी आंखों के
हर तरफ है गिला हकीकत का।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा कहा जा रहा है कि कई बार हमारी आंखों के ख्वाब मर जाते हैं क्योंकि हकीकत में हर तरफ केवल शिकायत और गीला ही होता है।
18- दिल नहीं लग रहा है
ज़िन्दगी किस तरह बसर होगी,
दिल नहीं लग रहा मुहब्बत में।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा बताया जा रहा है कि कुछ लोग मोहब्बत के गिरफ्त में इस कदर डूब जाते हैं कि उनका कहीं पर दिल नहीं लगता और सोचते हैं कि जिंदगी किस तरह से बसर करेंगे।
19- वफ़ा के नाम पर
दील ने वफ़ा के नाम पर कार-ए-वफ़ा नहीं किया खुदको हला कर लिया खुदको वफ़ा नहीं किया।
जाने तेरी नहीं के साथ कितने ही जब्र थे कि थे मैन तेरे लिहाज में तेरा कहा नहीं किया।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा जा रहा है कि दिल ने वफा के नाम पर कार ए वफा ही नहीं किया कभी खुद के साथ वफा ही नहीं की। जब कोई इंसान किसी से सच्चे दिल से मोहब्बत करता है तो फिर कभी भी अपनी नहीं बल्कि अपने साथी के बारे में ज्यादा सोचता है क्योंकि उसका लिहाज इतना होता है कि मना करने का मन ही नहीं करता।
20- ताल्लुक
कोई तालुख ही न रहें जब के सबब ही बाकी हो क्या
मैं क्या मैं अब भी जिंदा हुं क्या तुम अब भी बाकी हो।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा बताया जा रहा है कि इंसान का किसी से ताल्लुक खत्म हो जाए तो फिर जिंदगी का पता ही नहीं चलता कि आप जिंदा हो या फिर नहीं क्योंकि वह इंसान अपने कहीं ना कहीं बाकी रह जाता है।
21- दिल नहीं लग रहा है
दिन में जग रहा हूं और रातों को सोने से बच रहा हु,
खुली आँखों से तेरे ख्वाबों को देखते देखते खुद एक ख्वाब हो रहा हूँ।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा कहा जा रहा है जब कोई आपका साथ बीच में ही छोड़ कर चला जाता है तो वह शक्स रातों की नींदों से बेजार हो जाता है और दिन में नींद की शिद्दत उसको बेचैन करती रहती है। खुली आंखों से केवल वह अपने प्यार को देखते-देखते खुद एक ख्वाब में अपनी जिंदगी को जीने लगता है।
22- मोहब्बत इतनी है
तुझसे इतनी मोहब्बत है की अब किसी चीज़ का गम नहीं होता,
गौर से सुनना मेरे दोस्तों इस कम्बख्त जिंदगी में कई लोग मिलते हैं लेकिन इनमें से एक भी अपना नहीं होता।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा बताया जा रहा है कि किसी लोग किसी से इतनी मोहब्बत करते हैं कि उन्हें किसी और चीज के बिछड़ जाने का गम नहीं रहता लेकिन जिंदगी की एक हकीकत यह भी है कि जिंदगी में कभी भी कोई अपना सच्चा साथी नहीं मिलता।
23- तुझसे बीछड़कर
तुझसे बिछड़कर जिंदगी के सबसे लम्हों को जिये हैं,
रूह कांप जाती थी जिन जख्मों को देखकर हमने उन जख्मों को भी मुस्कुराते हुए सिये हैं।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा कहां जा रहा है कि किसी से बिछड़ कर जिंदगी को जीना सबसे अजीयत भरे लम्हे होते हैं। लोगों की रूह कांप जाती है उन जख्मों से जिन्हे सहकर कुछ लोग मुस्कुराते रहते हैं।
24- तेरी याद ने रुलाया
तेरी यादों ने रुलाया तो तेरे अदा किए जख्मों ने हंसाया है,
तेरी जुदाई ने हमसे बहोत सा बुरा करवाया हैं।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा बताया जा रहा है कि कुछ लोग मोहब्बत में इस कदर अपने सपनों को छुपाए होते हैं की तकलीफ होने पर भी अपने चेहरे से अपनी हंसी को हटाने नहीं देते और इस जुदाई के कारण बहुत से बुरे काम भी वह कर जाते हैं।
25- आंखों से बारिश
तेरी मोहब्बत ने हमारी राह छोड़कर किसी और कि गली अपनायी है,
आजतक हमने एक आंसू का कतरा तक नहीं देखा था
लेकिन तेरी जुदाई ने हमारी आँखों से बारिशें करवाई है।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा बताया जा रहा है जब कोई प्यार करने वाला इंसान आपको छोड़कर किसी और के साथ चल जाए तो उसकी जुदाई के गम में जो शख्स कभी रोता भी नहीं था उसकी आंखों से आंसुओं की बारिश हो जाती है।
हम आशा करते हैं दोस्तों की आपको हमारा आज की जॉन एलिया की प्यार भरी शायरी अवश्य ही पसंद आई होगी। यकीनन आपके चेहरे पर इस शायरी को पढ़कर एक प्यारी सी मुस्कान आई होगी। आगे भी हम आपके लिए इसी तरह के आर्टिकल्स लेकर आते रहेंगे और आप हमेशा की तरह अपना प्यार और सपोर्ट बनाए रखें।