Shayari Of Islam
हेलो फ्रेंड्स! जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं कि इस्लाम एक बहुत ही प्यारा और तहज़ीब वाला मजहब है। वैसे तो कोई मज़हब छोटा या बड़ा नहीं होता हर मजहब में तहजीब और दूसरे की गलतियों पर पर्दा पोशी की जाती है। तो दोस्तो आज हम आपके लिए ऐसे ही इस्लाम पर डिपेंड शायरी आर्टिकल लेकर आए हैं। यदि आपको भी इस्लामिक शायरी पढ़ना और सुनना पसंद है तो कृपया हमारे इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।
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1-Shayari Of Islam : धागा
धागा ही समझ तू अपनी मन्नत का मुझे
तेरी दुआओ के मुकम्मल होने का दस्तूर हूँ मैं।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा बताया जा रहा है कि जो इंसान आपसे सच्चे दिल से मोहब्बत करता है वह हमारे लिए मन्नत के धागे की तरह होता है। जहां हमारी दुआओं को मुकम्मल होने का दस्तूर सिर्फ एक वही शख्स होता है जिसे हम अपनी पूरी दुनिया समझते हैं।
2- मेरे गुनाह
मेरे अश्को से तू अपना दामन साफ कर
अकेले तड़पता हूँ ऐ खुदा इन्साफ कर
उनकी बेवफाई में कुछ राज छुपा है
मेरे खुदा तू उनके हर गुनाह माफ़ कर।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा यह कहा जा रहा है कि हमारी जिंदगी में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो हमारी आंखों में आंसू देख कर अपना दामन आंसुओं से साफ कर लेते हैं और अकेले तड़पता छोड़ कर चले जाते हैं उस समय इंसाफ करने वाला सिर्फ हमारा खुदा होता है। लेकिन जो इंसान आपसे सच्ची मोहब्बत करता है वह उस इंसान की बेवफाई भी छुपाता है और उसके गुनाहों की माफी भी खुद ही मांगता है।
3-Shayari Of Islam : खुशियों की दस्तक
जो लोग दूसरो को अपनी दुआओं में शामिल करते है
खुशियाँ सब से पहले उन्हीं के दरवाज़े पे दस्तक देती है।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा एक बहुत ही प्यारी बात बताते हुए कहा जा रहा है कि जब हम दुआएं करते हैं तो अपनी दुआओं में अवश्य दूसरों को भी शामिल करना चाहिए दूसरों के लिए भी दुआएं मांगने चाहिए क्योंकि खुदा ऐसे लोगों को बहुत ज्यादा पसंद करते हैं जो अपने से ज्यादा दूसरों के बारे में सोचते हैं और उनकी दुआएं मुकम्मल होने की दुआ करते हैं। अल्लाह ताला सबसे पहले दुआ मांगने वाले को खुशियों से नवाजता है।
4- गद्दार
मुल्क लुट जाएगा ये आसार नज़र आते हैं
अब हुकूमत में सब मक्कार नज़र आते हैं
मुल्क की आज़ादी में लुटा दीं जानें हमने
और बेहयाओं को हम ही ग़द्दार नज़र आते हैं।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा यह कहा जा रहा है कि जो लोग आज के समय में हुकूमत संभाल रहे हैं वह सारे नेता भ्रष्ट और मक्का नजर आते हैं और भ्रष्ट नेताओं के हाथों में देश का चले जाना यकीनन देश के लूट जाने के आसार नजर आ रहे हैं। देश को आजाद कराने के लिए जिन शूरवीरों ने अपनी जान लुटा दे लोगों को वही गद्दार नजर आ रहे हैं।
5-Shayari Of Islam : दिल
मत रख इतनी नफ़रतें अपने दिल में ए इंसान
जिस दिल में नफरत होती है उस दिल में रब नहीं बसता।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा एक बहुत ही प्यारी सीख देते हुए बताया जा रहा है कि कभी भी अपने दिल में किसी के लिए नफरत या बुगज़ नहीं रखना चाहिए क्योंकि अल्लाह ताला ऐसे लोगों के दिलों में नहीं बसता जहां दूसरों के प्रति नफरत होती है।
6- सजदे की खूबसूरती
सजदे की खूबसूरती यह है कि
हम फर्श पर सिर रख कर जो कहते है
वो अर्श पर सुनी जाती है।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा सजदे की खूबसूरती बताते हुए कहा जा रहा है कि कि जब हम सजदे में सर रखकर खुदा से अपने दिल की बात करते हैं तो वह सीधे खुदा तक अर्श पर सुनी जाती है। लेकिन सजदे में निकली हुई बात सच्चे दिल से निकली हुई होनी चाहिए तभी खुदा सुनता है।
7-Shayari Of Islam : रोजे के दीदार
न आना मौत की अभी मेरा किरदार बाकि हे,
लाया था जो अपने रब से वो उधार बाकि हे,
दीद तो हो गई बहोत खुशियो की ग़ालिब,
लेकिन अभी आक़ा के रोज़े का दीदार बाकि हे।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा कहा जा रहा है कि खुदा ने हमें जिस जिंदगी दी है उसमें कुछ लोग मौत ना आने की दुआ करते हैं क्योंकि वह आका के रोजे के तलबगार होते हैं। बेशक खुदा ने हमें बहुत सारी खुशियों से नवाजा है लेकिन आका के रोजे का दीदार किए बिना हमारी हमारी जिंदगी का खत्म होना हमारे लिए अफसोस की बात है।
8- अजीब लोग
अजीब है तेरी दुनिया के लोग ए रब
जीतनी इज्जत दो उतनादुख देते हैं।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा यह बताया जा रहा है कि इस दुनिया के लोग भी बहुत अजीब है, जिसको जितनी ज्यादा इज्जत दी जाती है आज के समय में वही लोग हमारे दुख का कारण बनते हैं और बार-बार हमें दुख देते हैं।
9-Shayari Of Islam : अगर रब दे
अगर रब दे तो कोई छीन नहीं सकता
लेकिन अगर रब छीन ले तो कोई नहीं दे सकता।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा यह बताया जा रहा है कि जब खुदा किसी को कोई चीज से नवाजता है तो यह दुनिया के लोग कुछ भी कर ले उस इंसान से नहीं छीन सकते लेकिन अगर रब हमसे कुछ छीन लेता है तो दुनिया की कायनात भी उसे हमसे मिलाने में जुड़ जाए तो कोई नहीं मिला सकता।
10- मुमकिन
मुमकिन न मुमकिन तो हमारी सोच मे है
अल्लाह की ज़ात के लिए सब मुमकिन है।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा कहा जा रहा है कि मुमकिन और नामुमकिन तो लोगों की सोच में भरा हुआ है लेकिन आज के समय में लोग यह भूल गए हैं कि अल्लाह की जात के लिए सब कुछ मुमकिन नहीं है। यहां तक कि जो हमारे लिए मुमकिन नहीं है वह भी मुमकिन करना अल्लाह के हाथ में है।
दोस्तो हम उम्मीद करते हैं कि आप को आज का यह इस्लामिक आर्टिकल आवश्य ही पसंद आया होगा और आगे भी हम आपके लिए इसी तरह के दिलचस्प आर्टिकल लिखते रहेंगे। और आप इसी तरह अपना प्यार और सपोर्ट बनाए रखें।