Sad Shayri in Hindi: हेलो फ्रेंड्स। आज हम आपको आर्टिकल के माध्यम से दुखभरी शायरी से रूबरू कराने जा रहे हैं क्योंकि लोगों को शायरी सुनना बेहद पसंद होता है और कई बार जो लोग दुखी या गुमगीन होते हैं उन्हें इस तरह के शायरी बेहद पसंद आती है। कहीं बाहर हमारे दिल में जो भी कुछ होता है उसे हम शायरी का सहारा लेकर दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाने की कोशिश करते हैं और उसने काफी हद तक सफल भी होते हैं क्योंकि आपको शायरी आते हो या नहीं लेकिन शायरी सुनना और पढ़ना सभी को बहुत अच्छा लगता है। हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें हो सकता है कि हमारे इस लेख में लिखी गई शायरी से आपका मूड बदल जाए।
1- दुखों का सूरज (लेखक-बशीर बद्र)
मैं दिन हूं मेरी ज़मी पर दुखों का सूरज है
दिये तो रात की पलकों पे झिलमिलाते हैं।
व्याख्या
इस शायरी में शायर बशीर बद्र द्वारा बताया जा रहा है कि मनुष्य के जीवन में इतने दुख भरे हुए हैं कि वे अपनी तुलना दिन से करते हुए समीर दुखों का सूरज रहा है लिए चल रहा है। कई बार दुखों का इंतिहान से गुजरते गुजरते पलकों पर दिए की तरह झिलमिलाते तारे अवश्य ही आपके जीवन में आएंगे।
2- दोस्ती (लेखक-जाँ निसार अख़्तर)
ये दोस्ती ये मरासिम ये चाहतें ये ख़ुलूस
कभी कभी मुझे सब कुछ अजीब लगता है।
व्याख्या
इस शायरी में शायर जानिसार अख्तर जी द्वारा कहा जा रहा है कि कई बार हमारे जीवन में दोस्ती, चाहत और खुलूस इतना भर जाता है कि कभी-कभी यह सब बहुत अजीब और अलग एहसास दिलाता है।
3- ग़म (लेखक-वकील अख़्तर)
उस शख़्स के ग़म का कोई अन्दाज़ा लगाए
जिसको रोते हुए देखा न किसी ने।
व्याख्या
इस शायरी में शायर वकील अख्तर जी द्वारा कहा जा रहा है कि कोई भी शख्स किसी के गम का अंदाजा तभी लगा सकता है जब उस पर वह कैसी अब दूसरी हो या फिर उस शख्स ने उसे रोते हुए देखा हो।
4- मौत
मैं तो बस ज़िंदगी से डरता हूं
मौत तो एक बार मारेगी।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा कहा जा रहा है कि आज के समय में लोग जिंदगी जीने से डरते हैं क्योंकि जीवन की कठिनाइयों का सामना करते करते हैं वह हर दिन मरते हैं। मौत से इतना डर नहीं लगता है क्योंकि असल मौत तो जीवन में एक बार ही आती है।
5- अंजाम (लेखक-शकील बदायुनी)
ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया
जाने क्यूँ आज तिरे नाम पे रोना आया।
व्याख्या
शायरी में शायर वकील बदायूनी जी द्वारा कहा जा रहा है कि मोहब्बत करना तो आसान है लेकिन कई बार मोहब्बत में उन इम्तिहान से गुजरना पड़ता है जिनके अंजाम पर हम बहुत रोते हैं। उस तकलीफ से गुजर ना हर किसी के बस की बात नहीं होती।
6- Sad Shayri in Hindi: अहसास (लेखक-साहिर लुधियानवी)
कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त
सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया।
व्याख्या
इस शायरी में शायर साहिर लुधियानवी जी द्वारा बताया जा रहा है कि आज के समय में कौन किसके लिए रोता है हर कोई अपने जीवन के दुख और तकलीफ से इतना परेशान है कि अपने हाल पर मैं खुद ही आंसू बहा लेता है।
7- उदास (लेखक-बशीर बद्र)
हम तो कुछ देर हँस भी लेते हैं
दिल हमेशा उदास रहता है।
व्याख्या
इस शायरी में शायर बशीर बद्र जी द्वारा कहा जा रहा है कि लोगों को दिखाने के लिए कई बार दिल उदास होने पर भी झूठी हंसी के साथ मुस्कुराना पड़ता है।
8- Sad Shayri in Hindi: हयात (लेखक-साहिर लुधियानवी)
अभी न छेड़ मोहब्बत के गीत ऐ मुतरिब
अभी हयात का माहौल ख़ुश-गवार नहीं।
व्याख्या
इस शायरी में शायर साहिर लुधियानवी जी द्वारा कहा जा रहा है कि मोहब्बत में कई बार इतनी दुख और तकलीफ लोगों द्वारा दिए जाते हैं कि कुछ समय के लिए उसे छोड़ना मुनासिब नहीं होता बस सही वक्त का इंतजार करें और हयात का माहौल खुशगवार अवश्य होगा।
9- हाल (लेखक-अजमल सिराज)
उस ने पूछा था क्या हाल है
और मैं सोचता रह गया।
व्याख्या
इस शायरी में शायर अजमल सिराज द्वारा कहा जा रहा है कि कई बार मोहब्बत में धोखा खाने के बाद वह शख्स कई मुद्दतों के बाद जब हमारा हाल अच्छा है तो हम सोचते रह जाते हैं।
10- उदासी (लेखक-नासिर काज़मी)
हमारे घर की दीवारों पे ‘नासिर’
उदासी बाल खोले सो रही है।
व्याख्या
इस शायरी में शायर नासिर अकादमी जी द्वारा कहा जा रहा है कि इस दुनिया में हर किसी की जिंदगी में उदासी का अंधेरा फैला हुआ है क्योंकि लोगों के पास खुश रहने की वजह कम और दुखी रहने की वजह कई हैं।
11- Sad Shayri in Hindi: याद
शाम भी थी धुआँ धुआँ हुस्न भी था उदास उदास
दिल को कई कहानियाँ याद सी आ के रह गईं।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा कहा जा रहा है कि मोहब्बत करने वाला शख्स हमसे दूर चला जाता है तो हम केवल अपनी यादों के सहारे अपनी कहानियों में उसे जीवित रखते हैं।
12- पागल (लेखक-क़ैसर-उल जाफ़री)
दीवारों से मिल कर रोना अच्छा लगता है
हम भी पागल हो जाएँगे ऐसा लगता है।
व्याख्या
इस शायरी में शायर कैसर उल जाफरी द्वारा बताया जा रहा है कि कई बार दुखों के पहाड़ पार करते करते रोना जैसे कुछ लोगों की आदत बन जाते हैं और मन में यह एहसास होता है कि कहीं हम ऐसा करते करते पागल ना हो जाए।
13- उम्मीद (लेखक-ख़ुमार बाराबंकवी)
ग़म है न अब ख़ुशी है न उम्मीद है न यास
सब से नजात पाए ज़माने गुज़र गए।
व्याख्या
इस शायरी में शायर बाराबंकी जी द्वारा बताया जा रहा है कि जब व्यक्ति इस दुनिया से जुड़ी ख्वाहिशात जैसे आस, उम्मीद, खुशी और गुम त्याग देता है तो वह इस जमाने से निजात पा लेता है।
14- Sad Shayri in Hindi: दुआ (लेखक-अख़्तर शीरानी)
उठते नहीं हैं अब तो दुआ के लिए भी हाथ
किस दर्जा ना-उमीद हैं परवरदिगार से।
व्याख्या
इस शायरी में शायर अख्तर शीरानी द्वारा बताया जा रहा है कि गमों को बर्दाश्त करते करते हैं अब उस खुदा से भी न उम्मीदी सी जाते हैं और दुआ के लिए हाथ उठाने के लिए भी सोचना पड़ता है कि रब पूरी करेगा भी या नहीं।
15- चाहत (लेखक-महमूद शाम)
ये और बात कि चाहत के ज़ख़्म गहरे हैं
तुझे भुलाने की कोशिश तो वर्ना की है बहुत।
व्याख्या
इस शायरी में शायर महमूद शाम जी द्वारा कहा जा रहा है कि कई बार मोहब्बत में चाहतों के जख्म बहुत गहरे लग जाते हैं और एक शख्स के कारण वह सब मिलते हैं उसे भुलाने की कोशिश कई मुद्दतों से बाय कामयाब होती है।
16- शाम (लेखक-फ़ारूक़ शफ़क़)
दिन किसी तरह से कट जाएगा सड़कों पे ‘शफ़क़’
शाम फिर आएगी हम शाम से घबराएँगे।
व्याख्या
इस शायरी में शायर फारुख शपथ द्वारा कहा जा रहा है कि जिंदगी में दुखों को बर्दाश्त करते करते कई बार दिन तो जैसे तैसे सड़कों पर कट जाता है लेकिन शाम आने पर मन में एक अजीब सी घबराहट और बेचैनी शुरू हो जाती है।
17- Sad Shayri in Hindi: हौसला (लेखक-परवीन शाकिर)
चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दिया
इश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर दिया।
व्याख्या
इस शायरी में शायर परवीन शाकिर जी द्वारा बताया जा रहा है कि मोहब्बत घर की रास्ता कई बार लोगों को निढाल कर देता है लेकिन चलने का हौसला कम नहीं होता।
18- ग़म (लेखक-कैफ़ी आज़मी)
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या ग़म है जिस को छुपा रहे हो।
व्याख्या
इस शायरी शायर कैफी आज़मी जी द्वारा कहा जा रहा है कि कई बार लोग अपने गम छुपाने के लिए हद से ज्यादा मुस्कुराते रहते हैं। लेकिन बहुत से लोग इस मुस्कुराहट के पीछे छिपे दर्द को पहचान लेते हैं।
19- याद (लेखक-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़)
तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैं
किसी बहाने तुम्हें याद करने लगते हैं।
व्याख्या
इस शायरी में शायर अहमद फैज द्वारा कहा जा रहा है कि जब भी मोहब्बत के जख्म भरने लगते हैं तभी किसी ने किसी बहाने वह इंसान और भी ज्यादा याद आने लगता है और फिर से ज़ख्म हरे हो जाते हैं।
20- Sad Shayri in Hindi: सहारा (लेखक-राजेन्द्र कृष्ण)
इस भरी दुनिया में कोई भी हमारा न हुआ
ग़ैर तो ग़ैर हैं अपनों का सहारा न हुआ।
व्याख्या
इस Sad Shayri in Hindi में शायर राजेंद्र कृष्ण जी द्वारा कहा जा रहा है कि आज के समय में कोई भी इस दुनिया में हमारा नहीं है। के समय में लोग पैसा और स्टेटस देखकर पास आते हैं। गैर तो गैर है लेकिन आज की इस लालच भरी दुनिया में अपनों का भी सहारा बड़ी मुश्किल से मिलता है।
हम उम्मीद करते हैं कि आज के हमारे इस पोस्ट में दुख से भरपूर शायरी का आनंद आपने अवश्य ही उठाया होगा। आगे भी हम आपके लिए बहुत ही मशहूर शायरी अपने इस लेख के माध्यम से लेकर आते रहेंगे और आप इसी तरह हमारे आर्टिकल्स को पढ़ते रहें और अपना प्रेम देते रहें।