Gulzaar Shayari in Hindi: हेलो दोस्तों! गुलजार साहब के नाम से तो आप सभी वाकिफ होंगे क्योंकि आपने उनके द्वारा लिखे गए बहुत ही प्यारे प्यारे गाने, संवाद और शायरी पड़ी होगी। गुलजार साहब का जन्म अगस्त 1936 को दीना के जेलम जिले में हुआ था। गुलजार साहब ने केवल बड़े पर्दे पर ही नहीं बल्कि छोटे पर्दे पर भी कई सारे संवाद किए है। आप को पद्म विभूषण पुरुस्कार सभी सम्मानित किया गया है। आज का हमारा यह आर्टिकल गुलजार साहब की शायरी पर आधारित है। यदि आपको भी गुलजार साहब द्वारा लिखे गए शेयर पढ़ना अच्छा लगता है तो हमारे इस आर्टिकल को अवश्य पढ़ें।
1- दरिया
यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा यह कहा जा रहा है कि समुंदर के बहने का एहसास तो सबको होता है लेकिन दरिया का एहसास किसी को नही होती। सागर भी तो दरिया से मिलकर बनता है।
2- साथ
आप के बाद हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा यह बताया जा रहा है कि जो इंसान आपको प्यार करता हो और आपको छोड़ कर चला जाए उसके बाद भी कुछ लोग उसकी यादों में जीने लगते हैं।
3- Gulzaar Shayari in Hindi: अजनबी
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई,जैसे एहसान उतारता है कोई
आइना देख कर तसल्ली हुई,हम को इस घर में जानता है कोई।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा यह कहा जा रहा है कि कुछ लोग अपने ही घर में इतने अजनबी सी जिंदगी जीने लगते हैं कि कभी-कभी आईना देखकर तसल्ली होती है कि शायद हमें भी कोई जानता है। अकेले और तन्हा रहना किसी के बस की बात नहीं एक एहसान की तरह पल पल गुजरता है।
4- रिश्ते
तुम्हारी ख़ुश्क सी आँखें भली नहीं लगतीं
वो सारी चीज़ें जो तुम को रुलाएँ, भेजी हैं
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते।
व्याख्या
इस शायरी में शायर गुलजार साहब द्वारा बताया जा रहा है कि वक्त और हालात चाहे कैसे भी हो लेकिन छोटी-छोटी बातों पर रिश्ते नहीं तोड़े जाते और ना ही अपनों को रुलाया जाता है।
5- तन्हाई
ज़मीं सा दूसरा कोई सख़ी कहाँ होगा
ज़रा सा बीज उठा ले तो पेड़ देती है
काँच के पीछे चाँद भी था और काँच के ऊपर काई भी
तीनों थे हम वो भी थे और मैं भी था तन्हाई भी।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा यह बताया जा रहा है कि यदि अगर आप तन्हाई से दोस्ती कर लेते हैं तो जीवन की हर परिस्थिति में आपको अपनों के ना होने का एहसास नहीं होता। जिस प्रकार जमीन में बीज बो देने से पेड़ बन जाने पर वह ताउम्र बिना किसी स्वार्थ के हमें फल देती है।
6- Gulzaar Shayari in Hindi: कमी
खुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते हैं
हवा चले न चले दिन पलटते रहते है
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है।
व्याख्या
इस शायरी में शायर गुलजार साहब द्वारा बताया जा रहा है कि यदि आप अगर किसी से सच्चा प्रेम करते हैं और वह इंसान आपको छोड़कर चला जाता है तो उसकी कमी का एहसास हमेशा रहता है।
7- दास्ता
वो उम्र कम कर रहा था मेरी
मैं साल अपने बढ़ा रहा था
कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था
आज की दास्ताँ हमारी है।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा यह बताया जा रहा है कि अपनी दास्तां अपने हाथों खुद लिखनी चाहिए जिसमें कोई उम्र की सीमा ना हो और ना ही कोई बंधन जो आप को रोक सके।
8- Gulzaar Shayari in Hindi: काई सी जम गई
काई सी जम गई है आँखों पर
सारा मंज़र हरा सा रहता है
उठाए फिरते थे एहसान जिस्म का जाँ पर
चले जहाँ से तो ये पैरहन उतार चले।
व्याख्या
इस शायरी में शायर गुलजार साहब द्वारा कहा जा रहा है जब किसी इंसान पर जिम्मेदारियों का बोझ आ जाता है तो उसके सारे ख्वाबों पर काई जम जाती है। उसकी जिंदगी जिम्मेदारियों को पूरा करते-करते ऐसे गुजर जाती है कि कई बार अपना जिस्म भी अपनी जान पर बोझ लगने लगता है।
9- अपनी राह
सहर न आई कई बार नींद से जागे
थी रात रात की ये ज़िंदगी गुज़ार चले
कोई न कोई रहबर रस्ता काट गया
जब भी अपनी रह चलने की कोशिश की।
व्याख्या
इस शायरी में शायर गुलजार साहब द्वारा कहा जा रहा है कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जो जिंदगी में अपनी राह पर चलने की कोशिश करते हैं लेकिन उनके रास्ते में कुछ लोग कांटे बनकर आ जाते हैं जिसकी वजह से कई बार उनके ख्वाब ख्वाब ही रह जाते हैं।
10- वक्त
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की
कोई अटका हुआ है पल शायद
वक़्त में पड़ गया है बल शायद।
व्याख्या
शायरी में शायर गुलजार साहब द्वारा कहा जा रहा है कि कई बार हमारे साथ ऐसा होता है कि हमारे दिल की बात दिल में ही रह जाती है क्योंकि हम सही वक्त के इंतजार में रहते हैं। इस शायरी से हमें यह सीख मिलती है कि आपके दिल में कभी भी किसी के लिए कुछ भी हो उसे कहने के लिए सही वक्त का इंतजार नहीं करना चाहिए क्योंकि कई बार दिल की बात दिल में ही रह जाती है।
11- Gulzaar Shayari in Hindi: आहट
आ रही है जो चुपचाप क़दमों की आहट
खिल रहे हैं कहीं कँवल शायद
व्याख्या
इस शायरी में शायर गुलजार साहब द्वारा बताया जा रहा है कि जब आप किसी को सच्चे दिल से प्यार करते हैं और उस व्यक्ति को जानने लगते हैं तो आप उसके कदमों की आहट भी पहचान लेते हैं।
12- मोहब्बत
वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी,
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते..
वो शहर भी तुम्हारा था वो अदालत भी तुम्हारी थी।
व्याख्या
इस शायरी में शायर गुलजार साहब द्वारा कहा जा रहा है कि जब कोई व्यक्ति किसी से सच में प्यार करता है तो वह केवल उसकी वफा और साथ चाहता है जो लोग प्यार के नाम पर वक्त गुजारते हैं वह कभी भी आपकी वफ़ा और साथ छोड़ सकते हैं।
13- तन्हाई
तन्हाई अच्छी लगती है
सवाल तो बहुत करती पर
जवाब के लिए ज़िद नहीं करती।
व्याख्या
इस शायरी में शायर गुलजार साहब द्वारा यह कहा जा रहा है कि कई बार लोगों के साथ से बेहतर तन्हाई होती है क्योंकि तनहाई में हम खुद से ही सवाल करते हैं और खुद को ही जवाब देकर मना लेते हैं।
14- Gulzaar Shayari in Hindi: खता
खता उनकी भी नहीं यारो वो भी क्या करते,
बहुत चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते।
व्याख्या
इस शायरी में शायर द्वारा यह बताया जा रहा है कि जब किसी की जिंदगी में एक से ज्यादा चाहने वाले होते हैं तो इंसान कभी भी किसी एक का होकर नहीं रहता।
15- ख्वाहिश
मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता,
हूँ मगर रोज़ सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है।
व्याख्या
शायरी में शायर द्वारा यह बताया जा रहा है कि कई बार हमारी ख्वाहिश है हम बस इतना हावी हो जाती हैं कि हम रोज उन्हें पूरा करने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं।
हम आशा करते हैं दोस्तों कि आपको हमारा आज का यह आर्टिकल बहुत पसंद आया होगा। बारिश के मौसम है और हाथ में चाय का कप हो तो शायरी पढ़ने में ओर भी मजा आता है। हम उम्मीद करते हैं कि आर्टिकल पढ़ने के बाद अवश्य ही आपका दिन बन गया होगा। आगे भी हम आपके लिए इसी तरह के आर्टिकल्स लेकर आते रहेंगे आप अपना प्यार और सपोर्ट बनाए रखें।