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Deshbhakti Shayari: देशभक्ति शायरी, Check Latest Deshbhakti Shayari

Posted on July 15, 2023 by ANDREW

Deshbhakti Shayari: हेलो दोस्तों! जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं कि देश के प्रति प्रेम की भावना रखना हर हिंदुस्तानी में यह देखने को नहीं मिलता और ना ही कुछ लोग ऐसे होते हैं जो देश के प्रति मर मिटने को तैयार हो जाते हैं। देश के प्रति मर मिटने का सौभाग्य केवल उन साहस और बहादुर वीरों को मिलता है पहले से ही देश के प्रति रक्षा और प्रेम की ज्वाला मन में जगा कर रखते हैं। यदि आप भी देश के प्रति साहस और वीरता का जुनून अपने मन में जगाना चाहते हैं तो हमारे इस पोस्ट को अंत तक अवश्य पढ़ें।

Table of Contents

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  • 1- देश की हिफाज़त
  • 2- शाहिद
  •  3- Deshbhakti Shayari: सर झुका सकते नही
  •  4- हम मरेंगे तो वतन के लिए
  •  5- हम अपनी आजादी की कभी शाम ना होने देंगे
  •  6- Deshbhakti Shayari: ये सिर्फ तीन रंग नही ये देश की शान है
  •  7- शहीदों की चिताओं पर
  • 8- अंजाम
  • 9- Deshbhakti Shayari: जो अब तक खून ना खौला
  • 10- चलो आज फिर से वो नजारा याद कर ले
  • 11- शाम होते ही हम
  • 12- अनेकता में एकता
  • 13- Deshbhakti Shayari: खून से खेलेंगे होली
  • 14- Deshbhakti Shayari: खुशनसीब है वो लोग
  • 15- कुछ लोगों को लगता हैं

1- देश की हिफाज़त

इस देश की हिफाज़त ही मेरा ईमान है,

मेरे वतन में ही बसती मेरी जान है,

भारत देश पर कुर्बान है मेरा सब कुछ,

मेरा देश ही मेरी असली पहचान है।

व्याख्या

इस शायरी में शायर द्वारा कहा जा रहा है कि एक इंसान का परम कर्तव्य देश की हिफाजत करना है क्योंकि जब देश सुरक्षित हाथों में होगा तभी देश का उद्धार होगा। हम जैसों की हजार जान भी हमारे देश के लिए कुर्बान है क्योंकि आज हम जिस देश में रहते हैं वह हमारे शूरवीरो की ही देन है। हमारा देश ही हमारी पहचान है।

2- शाहिद

इस देश के लिए शहीद होना कबूल है मुझे,

क्योंकि अखंड भारत बनाने का जूनून है मुझे।

व्याख्या

इस शायरी में शायर द्वारा कहा जा रहा है कि जिस इंसान में अखंड भारत बनाने का जुनून होता है वह इंसान देश के लिए शहीद होने से कभी भी पीछे नहीं हटता।

 3- Deshbhakti Shayari: सर झुका सकते नही

अपनी आज़ादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं,

सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नही।

व्याख्या

इस शायरी में शायर द्वारा यह बताया जा रहा है कि देश की स्वतंत्रता के लिए हम सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका नहीं सकते।

 4- हम मरेंगे तो वतन के लिए

वतन की मोहब्बत हम में खुद को तपाये बैठे है,

हम मरेंगे तो वतन के लिए ये मौत से शर्त लगाये बैठे हैं।

व्याख्या

इस शायरी में शायर द्वारा कहा जा रहा है कि जब देश के प्रति सीने में प्रेम और जुनून भरा हो तो वतन के लिए मर मिटने जैसा सौभाग्य प्राप्त करने से हम पीछे नहीं हट सकते।

 5- हम अपनी आजादी की कभी शाम ना होने देंगे

हम अपनी आजादी की कभी शाम ना होने देंगे,

अब इस सोने की चिड़िया को समशान ना होने देंगे,

जब तक बची है एक भी बूंद लहू की मेरी रगों में,

तब तक भारत माता का आंचल नीलाम ना होने देंगे।

 व्याख्या

इस शायरी में शायर द्वारा कहा जा रहा है कि हम प्रार्थना करते हैं कि हमारे स्वतंत्र भारत में कभी भी आजादी की शाम नहीं होने देंगे क्योंकि कोई भी देश प्रेमी सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत को शमशान होता नहीं देख सकता। शायर द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि एक सच्चे देशभक्त खून की एक-एक बूंद देश के प्रति अर्पित है लेकिन भारत माता का आंचल नीलाम हो ना गवारा नहीं।

 6- Deshbhakti Shayari: ये सिर्फ तीन रंग नही ये देश की शान है

ये सिर्फ तीन रंग नही ये देश की शान है,

ये तिरंगा हमारे दिलों का स्वाभिमान है,

यही है गंगा यही हैं हिमालय यही हमारी जान है,

तीन रंगों में रंगा ये अपना प्यारा हिन्दुस्तान हैं।

व्याख्या

इस शायरी में शायर द्वारा बताया जा रहा है कि देश के तिरंगे में जो 3 रंग होते हैं वह केवल रंग नहीं बल्कि हमारा स्वाभिमान और हमारी शान का प्रतीक है। हिमालय हो या गंगा हो यह सब हमारे देश की धरोहर है और इस धरोहर को हम कभी भी किसी के हाथों मीटर नहीं देख सकते।

 7- शहीदों की चिताओं पर

शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,

वतन पे मरने वालों का यही बाकी निशां होगा।

व्याख्या

इस शायरी में शायर द्वारा यह बताया जा रहा है कि हर वर्ष शहीदों की चिताओं पर कई लोगों के मेले लगते हैं क्योंकि जो लोग वतन के लिए मर मिटने को तैयार रहते हैं उनके केवल यही निशा बाकी रह जाते हैं।

8- अंजाम

लिख रहा हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज आएगा,

मेरे लहू के हर एक कतरे से इंकलाब लाएगा।

व्याख्या

इस शायरी में शायर द्वारा बताया जा रहा है कि जो इंसान एक सच्चा देशभक्त होता है वह अंजाम से नहीं डरते और उनमें इतनी ताकत होती है कि वह अपने लहू के हर कतरे से इंकलाब ला सकते हैं।

9- Deshbhakti Shayari: जो अब तक खून ना खौला

जो अब तक खून ना खौला खून नही वह पानी हैं,

जो इस देश के काम ना आये वो बेकार जवानी हैं।

व्याख्या

इस शायरी में शायर द्वारा यह बताया जा रहा है कि जो इंसान अपनी मातृभूमि के किसी काम नहीं आ सकता वह बेकार है क्योंकि अब तक देश के प्रति किसी का खून नहीं खोला सही मायने में एक सच्चा देशभक्त है ही नहीं।

10- चलो आज फिर से वो नजारा याद कर ले

चलो आज फिर से वो नजारा याद कर ले,

शहीदों के दिलों में थी जो ज्वाला उसे याद कर लें,

जिस कस्ती में सवार हो आजादी पहुंची थी किनारे पर,

उन देशभक्तों के खून की वह अविरल धारा याद कर ले।

व्याख्या

इस शायरी में शायर द्वारा यह बताया जा रहा है कि जो लोग स्वतंत्रता से पहले का नजारा भूल गए हैं वह उस मंजर को याद कर ले जहां पर सवार होकर आजादी किनारे पर पहुंची थी और देशभक्तों ने अपने खून का एक एक कतरा पानी की तरह बहा दिया था।

11- शाम होते ही हम

शाम होते ही हम बिस्तर पर चले जाते हैं,

और सूरज ढलते ही वो सीमा पर तैनात हो जाते है।

व्याख्या

इस शायरी में शायरी द्वारा यह कहा जा रहा है कि शाम होते ही हम लोग बिस्तर पर चले आते हैं और जो देश की रक्षा करते हैं वह सूरज ढलते ही सीमाओं पर तैनात हो जाते हैं और इन्हीं सुर वीरों के कारण हम सुकून की नींद सोते हैं।

12- अनेकता में एकता

अनेकता में एकता ही इस देश की शान है,

इसीलिए तो मेरा भारत सबसे महान है।

व्याख्या

इस शायरी में शायर द्वारा कहा जा रहा है कि हमारा भारत देश इसलिए महान है क्योंकि यहां पर अनेकता में एकता देखने को मिलती हैं।

13- Deshbhakti Shayari: खून से खेलेंगे होली

खून से खेलेंगे होली अगर वतन मुश्किल में है,

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,

देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है।

व्याख्या

इस शायरी में शायर द्वारा यह कहा जा रहा है कि यदि अगर आने वाले समय में हमारी मातृभूमि किसी मुश्किल में होगी तो हम खून के होली खेलने से पीछे नहीं हटेंगे बल्कि अपने खून का एक-एक कतरा मातृभूमि की रक्षा में अर्पित कर देंगे।

14- Deshbhakti Shayari: खुशनसीब है वो लोग

खुशनसीब है वो लोग जो वतन के काम आते हैं,

वतन पर मरकर भी ये लोग अमर हो जाते हैं,

सलाम करते हैं हम वतन पर मिटने वालों को,

उनकी वजह से ही हम चैन की सांस ले पाते हैं।

व्याख्या

इस शायरी में शायर द्वारा यह बताया जा रहा है कि जो लोग हमारे वतन की रक्षा करते हैं और रक्षा करते करते शहीद हो जाते हैं ऐसे लोग मर कर भी हमेशा के लिए अमर हो जाते हैं। अमर होने का सौभाग्य केवल कुछ ही खुशनसीबो को मिलता है। हम चैन की सांस इसीलिए ले पाते हैं क्योंकि देश के नौजवान देश की सीमाओं पर तैनात होकर देश की रक्षा करते हैं।

15- कुछ लोगों को लगता हैं

कुछ लोगों को लगता हैं हिन्दू ख़तरे में हैं,

कुछ लोगों को को लगता मुसलमान ख़तरे में हैं,

कभी धर्म का चश्मा उतार कर देखो दोस्तों,

तब पता चलेगा की हमारा हिंदुस्तान ख़तरे में हैं।

व्याख्या

इस शायरी में शायर द्वारा यह बताया जा रहा है कि धर्म के प्रति भेदभाव रखने वाले लोगों को लगता है कि हिंदू खतरे में है और कुछ लोगों को लगता है कि मुसलमान खतरे में है यदि अगर आप अपनी आंखों से धर्म का चश्मा उतारेंगे तब आपको यह एहसास अवश्य होगा कि केवल हिंदू मुस्लिम नहीं बल्कि पूरा हिंदुस्तान खतरे में है।

हम उम्मीद करते हैं दोस्तों कि आपको हमारा यह देश प्रेम से भरा शायरी आर्टिकल अवश्य ही पसंद आया होगा और आपने यकीनन देश के प्रति प्रेम भावना जागृत हुई होगी। हम आपके लिए इसी तरह के बेहतरीन और दिलचस्प आर्टिकल लिखते रहेंगे। आप इसी तरह से अपना सपोर्ट और प्रेम बनाए रखें।

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