हेनरी विवियन डेरोजियो : आज हम आपको प्रसिद्ध कवि हेनरी विवियन डेरोजिओ के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले हैं। यह अपने समय में भारत के पहले राष्ट्रीय कवि के नाम से भी जाने जाते हैं। हेनरी विवियन डेरोजिओ का जन्म 18 अप्रैल 1809 को कोलकाता में हुआ था। उनके पिता एक भारतीय थे और उनकी मां एक अंग्रेज थी। हेनरी विवियन की प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता के डेविड ड्रम की धुरुमटोला अकादमी में हुई थी।
यह मशहूर और चर्चित कवि रोमांटिक लेखन से ज्यादा प्रभावित थे इसीलिए इन्हें रोमांटिक कविताएं लिखने का भी बहुत शौक था। इस मशहूर कवि ने बहुत ही कम उम्र से देशभक्ति की कविताएं लिखना शुरू की। तो चलिए दोस्तों आज हम आपको हेनरी विवियन डेरोजिओ से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां और उनके द्वारा लिखी गई कविताओं का विस्तार पूर्वक ज्ञान प्रदान करने वाले हैं। आपको भी हेनरी विवियन की कविताएं पढ़ने और सुना अच्छा लगता है तो हमारे इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पड़े।
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हेनरी विवियन डेरोजियो की कविताए
1-हेनरी विवियन डेरोजियो : मेरे देश
मेरे देश
आपके अतीत के गौरव के दिनों में
एक सुंदर आभा आपके माथे के चारों ओर घूमती थी
और आप एक देवता के रूप में पूजे जाते थे –
आपकी महिमा कहां है, अब श्रद्धा कहां है?
आख़िरकार तुम्हारे उकाब के पंख को जंजीरों में जकड़ दिया गया है,
और तुम नीची धूल में कराह रहे हो,
तुम्हारे लिए बुनने के लिए तुम्हारे टकसाल के पास कोई माला नहीं है,
अपने दुख की दुखद कहानी बचाओ!
अच्छा-मुझे समय की गहराइयों में गोता लगाने दो।
और युगों से बाहर आने दो,
जो इन मलबे के कुछ छोटे टुकड़ों को उदात्त बना देते हैं,
जिन्हें मानव आंखें कभी नहीं देख सकती हैं
और मेरे परिश्रम का संरक्षक हो,
मेरा पतित देश
आपके लिए एक तरह की शुभकामना।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक द्वारा बताया जा रहा है कि हमारे देश में कुछ समय पहले के अतीत का गौरव देखा जाए तो एक सुंदर आभा हमारे माथे पर चंदन के तिलक के समान घूमती रहती है। जहां आप एक देवता के रूप में पूजे जाते थे आज के समय में वह श्रद्धा और वह आस्था कहां है? बहुत सारे लोग आज के समय में अपनी जिम्मेदारियां और पुरानी परंपराओं की जंजीरों में जकड़े हुए हैं जहां वह खोकली परंपराएं हमें नीचे की ओर धकेलती जा रही है।
कवि द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि अपनी दुखद कहानी को समाप्त करने के लिए आपको गहराइयों में गोता लगाकर की परंपराओं से बाहर आने दो। कविता का उद्देश्य केवल इतना ही है कि यदि आप भी खोकली परंपराओं और जिम्मेदारियां के कारण दब रहे हैं तो ऐसे परंपराओं को निभाकर उनकी जंजीरों में खुद को जकड़ कर कोई फायदा नहीं है। तेजी से अपने पंखों में उड़ान भरी है और उन जंजीरों को तोड़ते हुए अपने जीवन में आगे बढ़े।
2- भारत की वीणा
तुम अपनी सूखी टहनियों पर अकेले क्यों लटके हो?
सदा के लिए बंधनमुक्त, क्या तू वहीं रहेगा;
आपका संगीत कभी मधुर था अब इसे कौन सुनता है?
वायु तेरे कारण व्यर्थ आह क्यों करती है?
मौन ने तुम्हें अपनी घातक जंजीर से बांध दिया है;
उपेक्षित, मूक और उजाड़ हो तुम,
रेगिस्तान के मैदान पर खंडहर स्मारक की तरह
हे।
कई हाथ मेरे से भी अधिक योग्य हैं,
एक बार आपके मधुर स्वर ने मधुरता प्रदान की,
और उनके लिए कई पुष्पांजलि अर्पित कीं, प्रसिद्धि ने
मिस्त्रेल की कब्र पर अभी भी खिल रहे फूलों को जोड़ा
वे हाथ ठंडे हैं – लेकिन यदि आपके सुर दिव्य
हो सकते हैं, एक बार फिर से जागृत हो सकते हैं,
मेरे देश की वीणा, मुझे तनाव पर प्रहार करने दो।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक द्वारा आ जा रहा है कि अपने जीवन में बंधनों से बनाकर आगे बढ़ना नहीं चाहिए क्योंकि कई बार वे बंधन हमारे पैरों की बेड़िया बन जाते हैं और हमें आगे बढ़ने नहीं देते हैं। कई बार आप बंधनों में बंद कर वह सब नहीं कर पाते हो जो आपके मन में करने की इच्छा होती है और जो काम अधूरे और बेमन से किया जाए उसमें तो ईश्वर भी आपको सफलता नहीं देते। कवि द्वारा कहा जा रहे थे ए मेरे देश के लोगों खुद को जागृत करो और तनाव और बंधनों पर जमकर प्रहार करो।
इस कविता का उद्देश्य केवल इतना ही है कि यदि आप बंधनों में बनकर अपना भविष्य सुधर रहे हैं तो आप खुद को बेवकूफ बना रहे हैं और आप रेगिस्तान में खंडहर के समान महल का निर्माण कर रहे हैं जो कभी भी नहीं बन सकता। आप आगे बढ़ना चाहते हैं और अपनी जिम्मेदारियां को सफलतापूर्वक पूरा करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपका स्वयं खुश रहना बहुत जरूरी है।
3-हेनरी विवियन डेरोजियो : चांद की रोशनी में सेर
पिछली रात यह एक प्यारी रात थी
और मैं बहुत खुश था
क्या यह स्मृति के लिए
आराम करने के लिए एक सुखद स्थान नहीं होगा?
हाँ; पिछड़े अतीत में
नरम घंटे हैं जिनकी ओर हम मुड़ते हैं
घंटे जो दूरी पर हल्के से चमकते हैं,
चमकते हैं, लेकिन कभी नहीं जलते।
और इनमें से कुछ कल रात
मेरे रास्ते पर फेंके गए,
जिससे मेरा दिल बहुत हल्का हो गया,
मुझे लगता है कि यह उड़ सकता था.
मैं एक ऐसे मित्र से मिलने गया था
जिसके साथ मैंने दूसरों को देखा था,
समान मन की प्रवृत्ति हमेशा समान मन की होती है।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक द्वारा बताया जा रहा है कि उनकी रोशनी में सैर करने का मजा ही कुछ और है। बीती रात जब आकाश में पूरा चंद्रमा अपनी रोशनी से जगमगा रहा होता है तब आप अपनी भूली बिसरी यादों को याद करते हुए खुश हो जाते हैं। बहुत कुछ हमारे जीवन में ऐसा होता है जो चंद्रमा की रोशनी की तरह हमारे मन में प्रकाशित हो जाता है।
कविता का उद्देश्य केवल इतना है कि कई बार हमारे जीवन में कुछ ऐसे लोग होते हैं जिन्हें हम बहुत प्यार करते हैं और उनके दूर जाने के ख्याल से भी डरते हैं लेकिन जो स्थिति हमारे मन में उनके प्रति होती है कई बार वह एहसास उसे प्यारे दोस्त के मन में नहीं होता। जरूरी है जिंदगी में आगे बढ़ाने के लिए किसी का साथ होना लेकिन यह भी जरूरी है कि साथ केवल उसी के चले जो आपकी ही तरह आपका साथ चाहता हो।
दोस्तों हम आशा करते हैं कि आपको हमारा आज का यह आर्टिकल अवश्य ही पसंद आया होगा। आपको भी पता चल गया होगा कि हेनरी विवियन कितनी प्यारी रोमांटिक कविताएं लिखते थे। हम आपके लिए इसी तरह के आर्टिकल्स लिखते रहेंगे और आप हमेशा की ही तरह अपना प्यार और सपोर्ट हमारे आर्टिकल्स को देते।