Skip to content

Poems For All Things

There is a poem for all things!

Menu
  • TECHNOLOGY
  • EDUCATION
  • BUSINESS
  • FINANCE
  • ENTERTAINMENT
  • MORE
    • Health
    • LIFE STYLE
    • TRAVEL
    • HOME IMPROVEMENT
    • DIGITAL MARKETING
  • Contact Us
  • About Us
Menu

गांधी जयंती कविता : Hindi Poem on Gandhi Jayanti

Posted on September 19, 2023September 19, 2023 by ANDREW

गांधी जयंती : जो गांधी जी के बलिदानों को याद करते हुए उन्हें सम्मान देने एवं हमें भी गांधी जी की तरह सच्चाई के रास्ते पर चलने की और जागरूक होने के उपलक्ष में गांधी जयंती मनाई जाती है। गांधी जी के बलिदान की कहानी बच्चे बच्चे को मुंह ज़ुबानी याद है। गांधी जी ने अंग्रेजों की गुलामी से भारत को आजाद करने के लिए बहुत ज्यादा त्याग और समर्पण किए हैं उन्हीं के कारण आज हम एक आजाद भारत के नागरिक हैं।

गांधी जयंती गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर में हुआ था। गांधी जी बचपन से ही सत्य और हिंसा के रास्ते पर चलने वाले हिंदुस्तानी थे और उन्हीं के कारण अंग्रेज भारत छोड़ने पर मजबूर हो गए थे। तो चलिए दोस्तों गांधी जी को याद करते हुए आज हम आपको उनके सम्मान में कुछ ऐसी कविताओं से रूबरू कराने वाले हैं जिन्हें पढ़कर अवश्य ही आप भी उनके ही समान सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलने की और जागरूक होंगे। हमारे इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।

Also Read : Poem on World River Day 

गांधी जयंती कविता

दोस्तों अब हम आपको गांधी जयंती के उपलक्ष में कुछ कविताएं और उनकी व्याख्या विस्तार में बताने वाले हैं। गांधी जी के सम्मान में कितनी भी कविताएं या अपने शब्दों में कितनी भी उनकी तारीफ की जाए बहुत कम शब्द हैं। देश के प्रति उनके बलिदानों का कर्ज कोई भी हिंदुस्तानी कभी भी नहीं उतर सकता। 

Table of Contents

Toggle
  • 1-2 अक्टूबर खास बहुत है
  • 2-गांधी जयंती : राष्ट्रपिता तुम कहलाते हो
  • 3-गौरों की ताकत बाँधी थी
  • 4-गांधी जयंती : मैया मेरे लिए मँगा दो
  • 5- सच्चाई का लेकर शस्त्र
  • 6-गांधी जयंती : आँखों पर चश्मा हाथ में लाठी

1-2 अक्टूबर खास बहुत है

गांधी जयंती

2 अक्टूबर खास बहुत है इसमें है इतिहास छिपा,
इस दिन गाँधी जी जन्मे थे दिया उन्होंने ज्ञान नया,
सत्य अहिंसा को अपनाओ इनसे होती सदा भलाई,
इनके दम पर गाँधी जी ने अंग्रेजों की फौज भगाई,
इस दिन लाल बहादुर जी भी इस दुनिया में आये थे,
ईमानदार और सबके प्यारे कहलाये थे,
नहीं भुला सकते इस दिन को ये दिन तो है बहुत महान,
इसमें भारत का गौरव है इसमें तिरंगे की शान हैं।

व्याख्या

इस कविता के माध्यम से लेखक द्वारा बताया जा रहा है कि 2 अक्टूबर को गांधी जी पैदा हुए थे और उनके द्वारा देश के प्रति किए गए बलिदानों का सम्मान करते हुए गांधी जयंती बड़े ही धूमधाम से स्कूल कॉलेज में मनाया जाता है। गांधी जयंती बहुत ही खास दिन होता है जिसमें हमारे देश का बहुत बड़ा इतिहास छुपा हुआ है। सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलने वाला व्यक्ति हमेशा दूसरे की भलाई सोचता है। सत्य और अहिंसा के दम पर ही गांधी जी ने अंग्रेजों को भारत छोड़ने और धूल चाटने को मजबूर कर दिया था। जब तक यह दुनिया रहेगी तब तक गांधी जी का नाम रहेगा क्योंकि वह अमर है आज भी लोग उन्हें बापू के नाम से याद करते हैं क्योंकि हकीकत में उन्होंने देश की संतानों के लिए बहुत त्याग दिए हैं।

2-गांधी जयंती : राष्ट्रपिता तुम कहलाते हो

राष्ट्रपिता तुम कहलाते हो सभी प्यार से कहते बापू,
तुमने हमको सही मार्ग दिखाया सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया,
हम सब तेरी संतान है तुम हो हमारे प्यारे बापू।
सीधा सादा वेश तुम्हारा नहीं कोई अभिमान,
खादी की एक धोती पहने वाह रे बापू तेरी शान।
एक लाठी के दम पर तुमने अंग्रेजों की जड़ें हिलायी,
भारत माँ को आजाद कराया राखी देश की शान।

व्याख्या

इस कविता के माध्यम से लेखक द्वारा कहा जा रहा है कि मोहनदास करमचंद गांधी को लोग बापू के नाम से पुकारते हैं और वह राष्ट्रपिता भी कहलाते हैं। बापू ने देश के नौजवानों को सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलना सिखाया और सही मार्गदर्शन दिया। कवि द्वारा कहा जा रहा है कि गांधी जी विदेश में पढ़ने के बाद भी गांधी जी की वेशभूषा एकदम साधारण थी कोई भी अहंकार और अभिमान नहीं था। गांधी जी द्वारा ही हमारे भारत देश को आजादी मिली और देश की शान ही नहीं बल्कि देश का गौरव भी गांधी जी ने बढ़ाया है। तिरंगे की शान हमेशा गांधी जी ने बरकरार रखी है। आज हमारे देश की नाक इसीलिए ऊंची है क्योंकि गांधी जी ने देश को अंग्रेजों के सामने झुकने नहीं दिया बल्कि अंग्रेजों को झुका दिया और धूल भी चटा दी।

3-गौरों की ताकत बाँधी थी

गांधी जयंती

गौरों की ताकत बाँधी थी गाँधी के रूप में आंधी थी,
बड़े दिलवाले फकीर थे वो पत्थर के अमिट लकीर थे वो,
पहनते थे वो धोती खादी रखते थे इरादें फौलादी,
उच्च विचार और जीवन सादा उनको प्रिय थे सबसे ज्यादा,
संघर्ष अगर तो हिंसा क्यों खून का प्यासा इंसा क्यों,
हर चीज का सही तरीका है जो बापू से हमने सिखा है,
क्रांति जिसने लादी थी सोच वो गाँधी वादी थी,
उन्होंने कहा करो अत्याचार थक जाओगे आखिरकार,
जुल्मों को सहते जाएंगे पर हम ना हाथ उठाएंगे,
एक दिन आएगा वो अवसर जब बाँधोगे अपने बिस्तर,
आगे चलके ऐसा ही हुआ गाँधी नारों ने उनको छुआ,
आगे फिरंग की बर्बाद थी और पीछे उनकी समाधि थी,
गौरों की ताकत बाँधी थी गाँधी के रूप में आंधी थी।

व्याख्या

इस कविता के माध्यम से लेखक द्वारा बताया जा रहा है कि अंग्रेजों को बड़ा अहंकार था देश को गुलाम बनाने का और भारत वासियों को अपने पैर की जूती बनाने का लेकिन गांधी जी आंधी के रूप में अंग्रेजों पर ऐसा चढ़े कि उनकी ताकत ही मानो बंध गई। भारत छोड़ो आंदोलन में गांधी जी के साथ बहुत सारी ऐसी महान हस्तियां जुड़ती चली गई जैसे की देश में आजादी की लहर दौड़ती चली गई और अंग्रेजों को मजबूर कर दिया गया झुकने पर।

अंग्रेजों के सामने गांधी जी के इरादे इतने फौलादी थे कि कई बार उन्हें सलाखों के पीछे भी डाला गया लेकिन तब भी उनके हौसलों की उड़ान काम नहीं हुई बल्कि हर बार की तरह उसकी 100 गुना बढ़ जाती थी। देश को आजाद करने में बहुत सारी महान हस्तियों में योगदान ही नहीं बल्कि अपने रक्त को भी पानी की तरह बहाया है। इस देश की मिट्टी केवल मिट्टी नहीं बल्कि शूरवीरों के खून से रंगी हुई हैं।

4-गांधी जयंती : मैया मेरे लिए मँगा दो

मैया मेरे लिए मँगा दो छोटी धोती खादी की,
जिसे पहन मैं नकल करूँगा प्यारे बाबा गाँधी की।
आँखों में चश्मा पहनूँगा कमर पर घडी लटकाऊँगा,
छड़ी हाथ में लिये हुये मैं जल्दी जल्दी आऊँगा,
लाखों लोग चले आयेंगें मेरे दर्शन पाने को,
बैठूँगा जब बीच सभा में अच्छी बात सुनाने को।

व्याख्या

इस कविता के माध्यम से लेखक द्वारा कहा जा रहा है के गांधी जयंती के उपलक्ष में एक छोटा बच्चा अपनी मां से है करते हुए कहता है कि उसे भी गांधी जी की तरह ही बना है और उन्हीं की तरह वेशभूषा छोटी खड़ी की धोती पहनी है। जिसे पहनकर वह बापू की नकल करते हुए अपने स्कूल के प्रोग्राम में हिस्सा लेगा। आंखों पर गांधी जी की तरह ऐनक लगाते हुए कमर पर खड़ी लटकते हुए और हाथ में छड़ी लेकर जल्दी-जल्दी आऊंगा और जब सभा के बीच बैठूंगा तो गांधी जी की तरह ही ज्ञान की बातें बताऊंगा। उन्हीं की तरह सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलने का प्रण लूंगा।

5- सच्चाई का लेकर शस्त्र

सच्चाई का लेकर शस्त्र और अहिंसा का लेकर अस्त्र,
तूने अपना देश बचाया गौरों को था दूर भगाया,
दुश्मन को भी प्यार दिया मानव पर उपकार किया,
गाँधी करते तुझे नमन तुम्हें चढ़ाते प्रेम सुमन।

व्याख्या

इस कविता के माध्यम से लेखक द्वारा बताया जा रहा है कि गांधी जी आंदोलन की लड़ाई लड़ने के लिए केवल सच्चाई और अहिंसा का शस्त्र लेकर निकले थे और इन्हीं दो शास्त्रों की ताकत से बापू ने देश को ही नहीं बचाया बल्कि अंग्रेजों को भी दूर भगा दिया। गांधी जी एक ऐसी हस्ती थे जो अपने दुश्मनों से भी प्यार करते थे और उन पर उपकार करते थे। गांधी जयंती के उपलक्ष में सभी हिंदुस्तानी गांधी जी को नमन करते हुए प्रेम के भाव व्यक्त करते हैं और बापू हमेशा हमारे दिल में बसते हैं।

6-गांधी जयंती : आँखों पर चश्मा हाथ में लाठी

 गांधी जयंती

आँखों पर चश्मा हाथ में लाठी और चेहरे पर मुस्कान,
दिल में था उनके हिंदुस्तान,
अहिंसा उनका हथियार था,
अंग्रेजों पर भारी जिसका वार था,
जात-पात को भुला कर वो जीना सिखाते थे,
सादा हो जीवन और अच्छे हो विचार,
बड़ो को दो सम्मान और छोटो को प्यार,
बापू यही सबको बताते थे,
लोगों के मन से अंधकार मिटाते थे,
स्वच्छता पर वे देते थे जोर,
माँ भारतीय से जुड़ी थी उनकी दिल को डोर,
ऐसी शख्सियत को हम कभी भूला ना पाएंगें,
उनके विचारों को हम सदा अपनायेंगे।

व्याख्या

इस कविता के माध्यम से लेखक द्वारा गांधी जी के व्यक्तित्व को व्यक्त करते हुए कहा जा रहा है कि गांधी जी एक ऐसी शख्सियत थे जो अपनी आंखों पर चश्मा हाथ में लाठी और चेहरे पर मुस्कान लिए दिल में हिंदुस्तान के लिए प्यार लेकर निकलते थे। अहिंसा और सत्य उनका एक ऐसा हथियार था जिससे वह अंग्रेजों पर सीधे वार करते थे। बापू का कहना था कि लोगों के विचार जितने अच्छे और जीवन जितना सदा होगा उतना ही आप खुशहाली के साथ जीवन गुजार पाओगे। गांधी जी कभी भी उच्च नहीं जात पात पर विश्वास नहीं करते थे बल्कि वह एक ही दृष्टि से पूर्ण हिंदुस्तान को देखते थे। गांधी जी ने न केवल सत्य और अहिंसा पर चलना सिखाया बल्कि लोगों में फर्क करना भी नहीं सिखाया।

हम उम्मीद करते हैं दोस्तों की आपको गांधी जयंती के उपलक्ष में प्रदान की गई यह जानकारी और कविताएं अवश्य ही पसंद आई होगी। यदि आपको हमारे द्वारा लेकर गए आर्टिकल अच्छे लगते हैं तो आप आगे भी शेयर कर सकते हैं। हम आपके लिए हमेशा की तरह आर्टिकल्स लिखते रहेंगे और आप भी हमेशा की तरह अपना प्यार और सपोर्ट बनाए रखें।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Posts

  • Nutritionist New York City: Practical Guidance for a Balanced Diet
  • Wrongfully Convicted? Here’s How a Criminal Appeal Lawyer Can Help
  • What to Do After an Accident in NYC: A Lawyer’s Guide to Protecting Your Claim
  • Landlord Rights and Responsibilities When Tenants Cause a Fire
  • Buy Dianabol to Accelerate Muscle Growth and Training Progress
©2025 Poems For All Things | Design: Newspaperly WordPress Theme