गांधी जयंती क्यों मनाई जाती है : हेलो फ्रेंड्स जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं कि गांधी जयंती 2 अक्टूबर को मनाई जाती है, क्योंकि इस दिन मोहनदास करमचंद गांधी जिन्हें हम बापू के नाम से भी जानते हैं उनका जन्मदिन होता है। हमारे देश को अंग्रेजों की गुलामी से बचने के लिए बापू ने बहुत लंबे समय तक संघर्ष की लड़ाई को लड़ा है और केवल लड़ाई ही नहीं बल्कि अंग्रेजों को धूल चटा कर देश को आजाद भी कराया है। यह दोस्तों आज हम आपको अपने आर्टिकल के माध्यम से गांधी जयंती से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले हैं यदि आप भी बापू के बलिदानों के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पड़े।
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गांधी जयंती क्यों मनाई जाती है?
मोहनदास करमचंद गांधी जिन्हें हम बापू या फिर महात्मा गांधी कहकर पुकारते हैं उनका जन्म गुजरात के पोरबंदर में 2 अक्टूबर 1859 में हुआ था। पूरे विश्व में गांधी जयंती बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाई जाती है क्योंकि इस दिन बापू का जन्मदिन होता है। महात्मा गांधी ने भारत स्वतंत्रता आंदोलन में सबसे मुख्य किरदार निभाया था। आज हम आजाद भारत में सुकून की सांस लेकर जीते हैं यह केवल बापू के संघर्षों के कारण हमें सौगात और एक तोहफे के रूप में मिली है।
क्या कभी आपने सोचा है कि यदि अगर बापू हमारे लिए संघर्ष की लड़ाई ना लड़ते तो क्या आज हम आजाद भारत के निवासी होते। भारत को आजाद करने के लिए गांधी जी कई बार करवास गए। बहुत सारी कठिन परिस्थितियों का सामना किया लेकिन फिर भी उनके दो शास्त्र अहिंसा और सत्य उनके साथ कभी नहीं छोड़ा और इन दो शास्त्र के बल पर ही उन्होंने अंग्रेजों को चित किया और विजय प्राप्त की।
गांधी जयंती क्यों मनाई जाती है : महात्मा गांधी के आन्दोलन
बापू सच में एक महात्मा थे जिन्होंने अपने सत्य और अहिंसा के बल पर केवल भारत छोड़ो आंदोलन ही सफलतापूर्वक विजय किया बल्कि इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका में आंदोलन, असहयोग आंदोलन, स्वराज सत्याग्रह, हरिजन आंदोलन आदि में भी एक अहम भूमिका निभाई। दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार और भेदभाव के खिलाफ गांधी जी ने आवाज उठाई थी। गांधी जी ने अपनी शिक्षा विदेश में पूरी करने के बाद भी वेशभूषा और चाल चलन एकदम सादा और हिंदुस्तानी था।
महात्मा गांधी की शिक्षा
तो चलिए दोस्तों अब हम बाबू की शिक्षा की ओर चलते हैं और उस पर जरा प्रकाश डालते हैं कि बापू ने कैसे अपनी शिक्षा को पूरा किया। दोस्तों गांधी जी ने केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी शिक्षा ली। गुजरात में जन्म लेने के बाद उनकी प्रारंभिक पढ़ाई गुजरात से ही शुरू हुई थी। 9 से 11 साल की उम्र के बीच उन्होंने राजकोट के अल्फ्रेड हाई स्कूल मैं दाखिला लिया और दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसके बाद गांधी जी ने 1887 में अहमदाबाद के एक स्कूल में दसवीं कक्षा में एडमिशन लिया और इस दौरान उनकी शादी भी कर दी गई थी। गांधी जी अंग्रेजी भाषा में बहुत ज्ञानी थे। बाद उन्होंने भारत के जाने-माने स्कूल समाज दास आर्ट कॉलेज से पढ़ाई की।
हम उम्मीद करते हैं दोस्तों की हमारे द्वारा दी गई जानकारी से आप अवश्य ही संतुष्ट हो गए होंगे आगे भी हम आपके लिए इसी तरह के आर्टिकल्स लेकर आते रहेंगे और आप हमेशा की तरह अपना प्यार और सपोर्ट बनाए रखें।