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कविता तिवारी की कविता: Kavita Tiwari Poems

Posted on October 3, 2023October 3, 2023 by ANDREW

कविता तिवारी की कविता: हेलो दोस्तों।आज हम आपको कविता तिवारी द्वारा लिखी गई प्रसिद्ध कविताओं के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले हैं दोस्तों यदि आपने कविता तिवारी जी की कविताएं नहीं सुनी है तो हम आपके सुझाव देंगे कि अवश्य सुनें उनकी आवाज इतनी बुलंद और देशभक्ति प्रेम देखकर आप भी उनके फैन हो जाएंगे। वह कहते हैं ना की लिखना बड़ी बात है लेकिन उससे बड़ी बात यह है।

कि आप किस अंदाज में अपने द्वारा लिखे गए शब्दों को लोगों के सामने पेश करते हैं इनका बोलने का अंदाज अवश्य ही आपके मन को छू लेगा। कविता तिवारी का जन्म उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 7 में को हुआ था और इन्होंने 25 फरवरी 2020 में अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत की थी। कविता जी को बचपन से ही कविताएं पढ़ने और लिखने का शौक था और यह बचपन से ही कविता सम्मेलन में भाग भी लेती थी। तो चलिए फिर आप भी कविता तिवारी की कविताएं सुनना या पढ़ना चाहते हैं, तो हमारे इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।

Also Read: हरिओम पवार की कविता

Table of Contents

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  • 1-कविता तिवारी की कविता: दुनिया में कोई मजहब नहीं होता 
  • 2- वतन से प्यार
  • 3-कविता तिवारी की कविता: तिरंगा फुटकर रोया 
  • 4- मैं लिखती हूं

1-कविता तिवारी की कविता: दुनिया में कोई मजहब नहीं होता 

कविता तिवारी की कविता

कोई ज़र्रा नहीं ऐसा, जहाँ पे रब नहीं होता 

लड़ाई वो ही करते हैं जिन्हे मतलब नहीं होता। 

ओ मंदिर और मस्जिद के लिए दीवानगी वालों 

वतन से बढ़के दुनिया में कोई मज़हब नहीं होता।

व्याख्या

इस कविता के माध्यम से लेखक द्वारा बताया जा रहा है कि दुनिया में वतन से बढ़कर कोई मजहब नहीं होता। ऊपर वाले ने केवल इंसानों को बनाया था लेकिन लोगों ने अपने अपने हिसाब से अपना रब बना लिया लेकिन क्या कोई भी जरा ऐसा है कि जहां रब नहीं होता। रब तो इंसान के दिल में बसता है। आप एक अच्छे इंसान है और दूसरों की मदद करते हैं तो आपके दिलों में खुदा है। लड़ाई झगड़ा करना, किसी को भला बुरा कहना आपके मजहब का हिस्सा नहीं है। इस कविता से हमें यह सीख मिलती है कि हिंदू, मुस्लिम, सिख और इसाई होने से कोई फर्क नहीं पड़ता फर्क पड़ता है आपके आपस के मध्य से इसलिए धर्म चाहे कोई भी हो हमेशा सबको मिलकर रहना चाहिए। कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए।

2- वतन से प्यार

बदलकर आँसुओं की धार को मैं मुस्कुराती हूँ,

जगाती ओज की धारा बहुत सुख चैन पाती हूँ।

ना मेरे शब्द है उनके लिए जो देशद्रोही है

वतन से प्यार है जिनको उन्हें कविता सुनाती हूँ।

व्याख्या

इस कविता के माध्यम से लेखक द्वारा कहा जा रहा है कि जीवन में चाहे कैसे भी परिस्थितियों हो, आंखों में चाहे कितने भी आंसू है, लेकिन व्यक्ति को हमेशा और पुरसुकून होकर मुस्कुराना चाहिए। लेखिका द्वारा बताया जा रहा है कि उनके कविताओं के शब्द केवल देश भक्ति व्यक्त करते हैं इसलिए उनके शब्द केवल देशभक्ति वासीयो के लिए है। जो लोग देशद्रोही हैं और देश के प्रति सद्भावना नहीं रखते उनके लिए वह अपने शब्द व्यर्थ नहीं करती। इस कविता से हमें यह सीख मिलती है कि जो लोग दिल से अच्छे और दिल से प्रेम करते हैं हमें भी उनके प्रति नरम व्यवहार रखना चाहिए और जिन्हें देश से कोई मतलब नहीं उनसे हमें भी कोई मतलब नहीं रखना चाहिए।

3-कविता तिवारी की कविता: तिरंगा फुटकर रोया 

कविता तिवारी की कविता

पसीने की कमाई का खिलौना टूटकर रोया,

साथ खलिहान का धानी चुनर से छूटकर रोया।

लहू देकर शहीदों ने सँजोया देश की ख़ातिर,

देख गणतंत्र की हत्या, तिरंगा फूटकर रोया।

व्याख्या

इस कविता के माध्यम से लेखक द्वारा बताया जा रहा है कि यदि जब हमारे खून पसीने की कमाई से लाई गई कोई चीज टूट जाती है तो बहुत ज्यादा दुख और तकलीफ होती है इस प्रकार हमारे देश को भी हमारे देश के शूरवीरों ने अपना लहू देकर इसे सजाया है और आजाद कराया है लेकिन कुछ भ्रष्ट लोग गणतंत्र की हत्या करते हैं और करते आ रहे हैं जिसे देखकर हमारा तिरंगा भी शायद उसी प्रकार रोता होगा। कविता का उद्देश्य केवल इतना ही है कि हमें अपने देश की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर और तैयार रहना चाहिए।

4- मैं लिखती हूं

मैं लिखती हूं सवालों के जवाब तलाश में, खुद को बेहतर इंसान बनने में, 

मैं लिखती हूं अपने साथ वक्त गुजारने अपना जमीर खंगालती रूह तक 

एक पुल बनाने। 

जिस दिन शोहरत की हसरत मैं लिखने लगूंगी 

एहसास संग छोड़ देंगे कोरे लफ्जों में उलझने लगूंगी।

व्याख्या

इस कविता के माध्यम से लेखक द्वारा कहा जा रहा है कि वह इसलिए लिखनी है जहां उनका उनके सवालों के जवाब मिल जाए और वह खुद को बेहतर इंसान बना पाए। कहते हैं कि वक्त गुजारने के लिए सबसे अच्छा तरीका लिखने का होता है यदि आप खुद को तलाश न चाहते हैं तो डायरी लिख सकते हैं या फिर अपने शब्दों को कविता का रूप दे सकते हैं। कविता का उद्देश्य केवल इतना ही है केवल अपने लिए अपनी खुशी के लिए लिखना पसंद करती है जिस दिन उन्होंने शोहरत की हसरत करके लिखना शुरू कर दिया तो वह अल्फाजों के जाल में उलझने लगेंगे और उनके जो भी एहसास होंगे वह उनके साथ छोड़ देंगे क्योंकि वहां मन में एक लालच आ जाता है।

हम उम्मीद करते हैं दोस्तों की आपको हमारा आज का यह आर्टिकल अवश्य ही पसंद आया होगा। आगे भी हम आपके लिए इसी तरह के आर्टिकल्स लेकर आते रहेंगे।आप हमेशा की तरह हमारे लेख को अपना प्यार और सपोर्ट देते रहे।

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