कक्षा 4 के लिए हिंदी कविता: हेलो दोस्तों जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं कि छोटे बच्चों को एडमिशन करने से पहले ही उनकी मां उनको कुछ ना कुछ शिक्षा से संबंधित सिखाती रहती हैं। इसके अलावा जब बच्चे एक-एक करके कक्षा में आगे कदम बढ़ाते हैं, तब भी उनको एक अच्छा इंसान बनने के लिए वह कुछ कविताओं के माध्यम से जीवन में सीख देने की प्रेरणा देने के उद्देश्य से कविताएं सिखाती हैं।
क्योंकि कविताएं एक ऐसा माध्यम है जहां आप अपने बच्चों को दिलचस्प और आकर्षक तरीके से भावनाओं को एक्सप्रेस कर सकते हैं और बच्चों को भी आसानी से समझ सकती हैं।तो चलिए दोस्तों आज हम आपको अपने आर्टिकल के माध्यम से कक्षा चार के बच्चों के लिए कुछ ऐसी कविताएं लेकर आए हैं जिन्हें आप अपने बच्चों को एक अच्छा इंसान बनने की और जागृत कर सकती हैं। यदि आपको यह कविताएं अपने बच्चों को सुनाना और पढ़ाना अच्छा लगता है तो हमारे इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पड़े।
1-कक्षा 4 के लिए हिंदी कविता: माता पिता (लेखक मोहित शर्मा)
हर सुबह उठो तो सबसे पहले, मां-बाप के पैर को छुआ करो। जिस मां-बाप ने तुझको जन्म दिया, उनके लिए हर सुबह दुआ करो। जब मां-बाप आशीर्वाद दे देते हैं, बच्चों का जन्म संवरता हैं। मां-बाप की सेवा करने से, हम सब का कर्म निखरता हैं। मां-बाप की दृष्टि है जो कि, हम सब इस सृष्टि में जीवित है। वरना हम सब इस पृथ्वी पर, छड़ मात्र के लिए ही निहित हैं। मां-बाप को कमजोर मत समझो, वो हम सब के लिए रक्षक है। हम सब को दुख हो जाता है, वो उस दुख के भी नष्टक है।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक मोहित शर्मा जी द्वारा बताया जा रहा है कि जिन मां-बाप ने तुमको जन्म दिया है उनके सलाम दे की दुआ हमेशा करनी चाहिए। ईश्वर के बाद जो मुकाम और दर्ज सबसे ऊपर होता है वह मां-बाप का ही है। कभी भी मां-बाप को कमजोर नहीं समझना चाहिए क्योंकि वह अपनी संतान की रक्षा के लिए रक्षक बनाकर सबसे पहले सामने आ खड़े होते हैं और हमेशा प्रार्थना करते हैं कि अपनी संतान को किसी भी दुख का भागीदार न बनाएं। कविता से हमें यह सीख मिलती है कि हम चाहे अपने जीवन में कितने भी सफल क्यों ना हो जाए लेकिन कभी भी मां-बाप को कम नहीं आकना चाहिए बल्कि कि उन्हें हमेशा मां और सम्मान देना चाहिए क्योंकि आज हम जो अपने मां-बाप के साथ करते हैं कल वही हमें कर्मा बनाकर हमारे सामने आता है।
2- तिरंगा प्यारा (लेखक शिवचरण सिरोहा)
सारी दुनिया से है न्यारा,
अपना ये तिरंगा प्यारा,
कितनी ऊँची शान है।
हम सबका अभिमान है।
हाथों में जब ये झूले,
इसे देख सीना फूले,
देश में धर्म अनेक हैं।
छाया में इसकी एक हैं।
देश का ये सम्मान है,
हम सब की मुस्कान है,
भारत माँ की जान है।
तिरंगे का जय गान है।
आन में इसकी डटेंगे हम,
पीछे कभी न हटेंगे हम,
तिरंगा हमें जान से प्यारा
तन-मन हमने इस पर वारा।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक शिवचरण शिवचरण सिरोही द्वारा बताया जा रहा है कि हमारे देश का तिरंगा सबसे प्यारा और सबसे न्यारा है जिसे हम सब भारतवासियों को अभिमान है। हमारे भारत देश को आजाद करने में बहुत शूरवीरों का खून इस मिट्टी में बह है इसलिए हमें देश का सम्मान हर हाल में करना चाहिए और देश की रक्षा के लिए यदि किसी संकट का सामना करना भी पड़ जाए तो उससे पीछे नहीं हटना चाहिए।
इस कविता से हमें यह सीख मिलती है कि हमारे देश का तिरंगा हमारी आन बान और शान का प्रतीक है इसलिए हमें भी उसका मान सम्मान करना चाहिए और हम स्थिति में हर संकट में देश की शान के खातिर सीना तानकर खड़े रहना चाहिए।
3-कक्षा 4 के लिए हिंदी कविता: बचपन
खेल कूद से फुरसत नही है,
बड़े होने की जल्दी पड़ी है।
पढ़ना तो सरदर्दी है, सुबह-सुबह उठना पड़ता है,
चाहे गर्मी है चाहे सर्दी है।
फिक्र कोई कंधे पर नही है
मौज-मस्ती भरी ज़िंदगी है।
खूबसूरत पलों की नदी में जो बहते हैं
उसे हम बचपन कहते हैं।
बचपन की हर बात निराली है
उसकी हर बात प्यारी है।
जी लो इस लम्हे को जितना जी सको
किसको पता है कल का,
आज ही मे ज़िंदगी सारी है।
बड़े होने की जल्दी न करो
ज़िम्मेदारियों से अभी दूर रहो।
यह पल वापिस नही आते
बचपन की याद है सताते।
जी लो जितना जी सको इसको
बड़े होकर यही कहोगे
कि काश हम बच्चे होते।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक द्वारा कहा जा रहा है कि छोटे बच्चे बचपन में बिना किसी टेंशन और तनाव के जो जिंदगी जीते हैं बड़े होने के बाद उसे जिंदगी की कल्पना करते हैं। आज भी हम जब तक हार कर अपनी जिम्मेदारियां को पूरा करते-करते जब दो पल खाली बैठे हैं तो अपने बचपन को याद करते हैं और सोचते हैं काश की जिम्मेदारियां अभी हमसे दूर ही रहे जहां बचपन में बड़े होने की जल्दी रहती है।
वहां आज बड़े होने के बाद बचपन में एक बार फिर से जीने की ख्वाहिश पैदा होती है। एक खूबसूरत नदी की तरह था जो बहता चला जाता है। इस कविता से हमें यह सीख मिलती है कि तरह हमने अपना बचपन खेलकूद मौज मस्ती और बिना टेंशन के जिया है आज भी हमें अपने जीवन को इसी तरह जीना चाहिए क्योंकि जिम्मेदारियां और टेंशन कभी काम नहीं होती। टेंशन लेकर भी जिंदगी गुजारनी है और ना लेकर भी जिंदगी गुजारनी है तो बेहतर है की खुशी-खुशी बिना तनाव की जिंदगी को जिया जाए।
4- स्वास्थ
सुबह सूरज उगने से पहले उठो
व्यायाम करो ,योगा करो
नाश्ते मे पोष्टिक आहार लो।
स्कूल जाने से पहले,
अगर सोते तुम रह जाओगे
कक्षा मे अव्वल नंबर कैसे लाओगे।
तंदरुस्त रहना है तो
खाना-पीना नियंत्रित हो,
बरगर, पिज़्ज़ा, कोलडरिंक से,
हो सके तो दूरी ही रखो।
खेल-कूद में भाग लो जम कर,
दिमाग भी खूब निखरता है,
बैठे रहने से स्वास्थ ही बिगड़ता है।
देर रात तक जागोगे तो
सोते ही रह जाओगे
फिर ज़िंदगी में पीछे ही रह जाओगे।
जल्दी सोना ,जल्दी उठना
हर काम समय पर होता है।
ज़िंदगी मे आगे बढ़ने से
फिर देखो कौन तुम्हे रोकता है।
स्वास्थ है तो जीवन है
जीवन है तो काम
काम करना है तो पहले
स्वास्थ पे दो ध्यान।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक द्वारा बताया जा रहा है कि यदि आपको स्वस्थ जीवन जीना है और अपने कार्यों को समय पर करना है तो जरूरी है कि आप नियमित व्यायाम अवश्य करें क्योंकि एक्सरसाइज करने से दिल और दिमाग दोनों तंदुरुस्त रहते हैं और कार्य करने की क्षमता और एनर्जी भी मिलती है। दोस्तों अगर आपको अपनी जिम्मेदारियां को अच्छे से निभाता है और उनका पूरा करना है तो आपको अपना स्वास्थ्य पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
नियमित व्यायाम करें पौष्टिक आहार ले और अपने जीवन से तनाव और स्ट्रेस को दूर रखें। रात को देर से सोना और सुबह देर से उठाना आपके स्वास्थ्य को बिगाड़ता है। हमें यह सीख मिलती है कि जब तक हमारा शरीर स्वस्थ नहीं रहेगा तब तक हमारे कार्य करने की क्षमता भी नहीं रहेगी इसलिए खुद को स्वस्थ रखें समय पर खाना पीना करें समय पर अपने सारे कार्य को करने की कोशिश करें।
5-कक्षा 4 के लिए हिंदी कविता: वादों
कहा जाता है वादे तोड़ने के लिए होते हैं
ऐसा कहने, करने वाले लोग झूठे होते हैं।
जाने अनजाने हम ऐसा कर देते हैं
जब हम रूठे होते हैं।
मगर यह विश्वास तोड़ना,
ग़लत बात है किसी की बात खोलना।
वादों के जो पक्के हैं
वही इनसान सच्चे हैं।
किया वादा निभा जाता है
वो हर कहीं सफ़ल हो जाता है।
झूठा वादा करो ही मत
अगर निभा नही सकते,
क्योंकि उसके बाद की शर्मिंदगी
हम छुपा नही सकते।
भरोसा टूटता है तो वापिस बनता नही,
फिर वो इंसान किसी को जमता नही।
सच्ची राह पर चलते रहो
वादे पूरे करते रहो।
अच्छा इन्सान वही होता है
जो सच्चा होता है।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक द्वारा कहा जा रहा है कि कुछ लोग कहते हैं कि वादे तोड़ने के लिए किए जाते हैं लेकिन आपको हम एक सच बताएं कि जो लोग वादे तोड़ते हैं, वह इंसान सच्चे नहीं होते। यदि आपको कोई बहुत भरोसा करके अपने जीवन के राज बताता है, और आपसे वादा लेता है कि आप उसकी बात अपने तक रखें, यदि आप ऐसा करते हैं तो आप एक बहुत अच्छे और नेक इंसान है। लेकिन अगर आप किसी तीसरे को उसका राज बताते हैं तो यह बात बिल्कुल भी अच्छी नहीं।
कभी सोचा है आपने कि यदि आपने किसी का कोई वादा तोड़ दिया और किसी तीसरे ने उसे इंसान को बता दिया उसके बाद आपको कितनी शर्मिंदगी होती है क्योंकि वह आप पर भरोसा करके आपको अपना राजदार बनाता है। इस कविता से हमें यह सीख मिलती है कि यदि आपको कोई अपना राजदार बनाता है तो उसके राज को हमेशा राज़ रखें।
हम उम्मीद करते हैं दोस्तों के आपको हमारा आज का आर्टिकल अवश्य ही पसंद आया होगा और अवश्य ही अपने अपने बच्चों को इन कविताओं के बारे में बताया होगा। हम आपके लिए इसी तरह के लेख लेकर कर आते रहेंगे। आपको हमारे द्वारा लिखे गए आर्टिकल अच्छे लगते हैं तो हमेशा की तरह प्यार और सपोर्ट बनाए रखें और आगे शेयर करें।