आत्महत्या पर कविता : जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं कि आजकल हमारे देश में आत्महत्या के केसेस बहुत तेजी से बढ़ते नजर आ रहे हैं। जहां एक और किसान फसलों की बर्बादी और कर्ज के कारण आत्महत्या रहा है तो वहीं दूसरी ओर स्कूल में पढ़ने वाले छात्र पढ़ाई के प्रेशर से तंग आकर सुसाइड का रास्ता अपना रहे हैं। कुछ लोग जिम्मेदारियां के बोझ तले दबकर भी आत्महत्या का कदम उठा रहे हैं। क्या कभी किसी ने सोचा है कि सुसाइड जैसा कदम उठाने के बाद हमारे परिवार का क्या हाल होगा। आत्महत्या करने के पीछे हर व्यक्ति की कोई ना मजबूरी होती है।
दोस्तों हम आपको केवल इतनी ही बात समझाना चाहेंगे कि जीवन के दो ही पहलू होते हैं एक सुख और दूसरा दुख। यदि भगवान आपको सुख देते हैं तो आपके जीवन में दुख भी अवश्य आता है। जीवन की हर परिस्थिति का सामना डटकर और हिम्मत के साथ करना चाहिए क्योंकि जो इंसान डटकर चुनौतियों का सामना करता है भगवान उसे उसकी मंजिल तक अवश्य पहुचाते हैं। दोस्तों आज हम आपको आत्महत्या पर आधारित कुछ कविताएं अपने आर्टिकल के माध्यम से बताने जा रहे हैं। यदि आप भी इन कविताओं को पढ़ना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल में अंत तक बने रहे।
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1-आत्महत्या पर कविता: आत्महत्या करने वालो
आत्महत्या करने वालो
किसी से भी डरो नहीं
जीवन अमूल्य है आत्म हत्या
करके कभी भी मरो नहीं।
कुछ समस्या है तो
अपने आप सुलझाओ
सुलझा न सके तो अपने
यार दोस्तों को जा कर बताओ।
समाधान होगा जरूर
समस्या कितनी भी हो बड़ी
आत्म हत्या कर कर
मरने की जरूरत क्या पड़ी ?
जन्म लिया है तो
हम सब को है एक दिन मरना
मौत आने से पहले
आत्महत्या क्यों करना ?
जब तक मौत न आए
किसी भी हालत में मरो नहीं
जीवन अमूल्य है
आत्म हत्या करो नहीं
जीवन अमूल्य है आत्म हत्या करो नहीं।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक द्वारा समझते हुए कहा जा रहा है कि तो आपको किसी से डरना नहीं चाहिए और आत्महत्या जैसा रास्ता नहीं अपनाना चाहिए। यदि आपको कोई परेशान कर रहा है या आप किसी कारण चिंतित हैं तो अपनी समस्या को अपने दोस्तों को बताओ ताकि वह आपकी कठिन वक्त में आपका साथ दें और आपको उसे रास्ते से निकलने में आपकी मदद करें। यदि आप दोस्तों को नहीं बताना चाहते तो आप किसी ऐसे इंसान की मदद लीजिए जिससे आपको सहायता की उम्मीद है।
आपको कोई परेशानी है तो भगवान ने उसका समाधान भी अवश्य ही निकला होगा लेकिन आपको सूझबूझ और साहस की आवश्यकता है। जिन लोगों में स्थिति का सामना करने का साहस नहीं होता वही कायरता को अपनाकर आत्महत्या को बढ़ावा देते हैं। इस कविता का उद्देश्य केवल इतना ही है कि भगवान ने आपको जो जीवन दिया है उसे हर परिस्थिति का सामना करते हुए इतना सफल बनाया की कोई भी आपका नाजायज फायदा ना उठा सके।
2- आत्महत्या से छुटकारा (लेखक लोकेश इंदौरा)
एक बार को सारी समस्या से छुटकारा
चाहे शादीशुदा करें या करें कुंवारा।
कुछ तो ऊंची ऊंची पहाड़ी पर चढ़ जाते हैं
देने जा रहे हैं खुशखबरी ऐसे हैं चिल्लाते हैं।
कही कही प्रेमी युगल खाते मिले फंडा
लगे दोष नहीं किसी का इश्क का है धंधा।
आए दिन सुनते दंपति ने खाया जहर
कोई नई बात नहीं शादी का है असर।
स्टूडेंट ने काटी नस होकर परीक्षा में फेल
ऐसे तो पढ़ने वालों के साथ आए दिन चलता है खेल।
जो जिंदगी में मान लेता है जो हार
वही सहर्ष आत्म हत्या करें स्वीकार।
इस तरह आत्महत्या का खेल चल रहा है बड़ा अच्छा
युवा करें बहादुरी से वीडियो गेम समझ कर बच्चा।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक इंदौरा जी द्वारा आत्महत्या के अलग-अलग कारण बताते हुए कुछ इस तरह से व्याख्या की गई है कि समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आजकल के नौजवान और शादीशुदा लोग आत्महत्या कर लेते हैं। कुछ लोग तो सुसाइड को खेल समझाकर ऊंची ऊंची पहाड़ियों पर चढ़ जाते हैं। कुछ प्रेमी जोड़े साथ में फांसी का फंदा लगाकर पंखे से लटक जाते हैं लेकिन लोग कभी भी इस सुसाइड करने वाले को ही दोषी मानते हैं क्या कभी किसी ने इसके पीछे का कारण जानने की कोशिश की है। शादीशुदा दंपत्ति जिम्मेदारी और घर वालों के प्रेशर के कारण कारण जहर खा लेते हैं।
लोगों ने आत्महत्या को खेल समझ रखा है जहां छोटे बच्चे स्कूल में फेल होकर अपनी नस काट रहे हैं तो वही युवा प्यार का भूत सर पर चढ़आ कर पहाड़ी से कूद रहे हैं। कविता का उद्देश्य केवल इतना ही है कि समस्याएं चाहे जो भी हो और परिस्थितियों चाहे जैसी भी हो लेकिन आत्महत्या का सहारा लेकर उन परेशानियों से दूर भागना सही फैसला नहीं है बल्कि आपकी कायरता है। भगवान ने केवल एक ही जीवन दिया है और वह हमारे लिए बहुत अमूल्य है इसलिए अच्छी बुरी परिस्थितियों का सामना करते हुए अपने जीवन में आगे बढ़ने का प्रयास करें क्योंकि जिंदगी में सफल वही होते हैं जो बार-बार गिरकर ठोकर खाकर संभालते हैं और इस जुनून के साथ आगे बढ़ते हैं।
3-आत्महत्या पर कविता: ना सोचो आत्महत्या करने के बारे में (लेखक लोकेश इंदौरा)
कभी ना सोचो भूल कर
आत्म हत्या के बारे में
पहले सोचो एक बार
परिवार संसार के बारे में।
सबके जीवन में है दुख
कोई एक दिखा दो खुश
फिर क्यों उठा रहे गलत कदम
खत्म नहीं होगा तुम्हारा गम।
हौसलों को उड़ान दो
जंग लड़ने की ठान लो
तुम संतान उस भगवान की
क्षमता तुमसे हर समाधान की।
व्याख्या
इस कविता के माध्यम से लेखक कहा जा रहा है कि आप आत्महत्या करना चाहते हैं तो शौक से करिए लेकिन एक बार पहले अपने परिवार और उसे इंसान के बारे में सोच लीजिए जो आपसे प्रेम करते हैं जो आपसे जुड़े हुए हैं। दोस्तों आज के समय में हर कोई किसी न किसी कारण दुखी है लेकिन सब आत्महत्या जैसा कदम उठा लेंगे तो क्या आपके गम कम हो जाएंगे? नहीं ना। आपकी तकलीफ आपके गम तब कम होंगे जब आप उन समस्याओं का समाधान निकालने में सफल होंगे। यदि आपने हर परिस्थिति का सामना डटकर करने का जिस दिन ठान लिया।
उस दिन देश का हर युवा हर दंपति अपनी समस्याओं पर विजय पढ़ेगा और आत्महत्या जैसा गलत कदम उठाने के लिए कभी मजबूर नहीं होगा। कविता का उद्देश्य केवल इतना ही है कि अगर समस्याएं हैं तो समाधान भी है। अगर आपके जीवन में दुख है तो आपके जीवन में सुख भी है। हमेशा नेगेटिव नहीं सोचना चाहिए बल्कि कुछ चीज और कुछ चुनौतियां पॉजिटिव लेकर भी सुलझाने चाहिए।
दोस्तों हम आशा करते हैं कि आपको हमारा आज का यह आर्टिकल बेहद दिलचस्प और अच्छा लगा होगा क्योंकि आज के समय में हर कोई अपनी समस्याओं और दुखों के कारण परेशान है लेकिन उन समस्याओं का सामना न करना वह कायरता की निशानी है। आपके जीवन में भी समस्याएं अवश्य होगी तो बैठकर उन समस्याओं का समाधान निकालने की कोशिश करें ना की कोई गलत खत्म उठाने की। आगे भी हम आपके लिए इसी तरह के आर्टिकल्स लेकर आते रहेंगे यदि आपको हमारे लिए अच्छे लगते हैं तो अपना प्यार और सपोर्ट हमेशा की तरह यूं ही बनाए रखें।